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8th Pay Commission: NC – JCM मीटिंग की अपडेट, सरकारी कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज! इतनी बढ़ सकती है आपकी सैलरी ?

8th Pay Commission

8th Pay Commission : 8वें वेतन आयोग के गठन से पहले, नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM)- जो कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली एक ऑफिशियल बॉडी है. एक ‘कॉमन मेमोरेंडम’ लेकर आएगा. ये सूचना गुरुवार को जारी एक प्रेस रिलीज में दी गई है.

8th Pay Commission : कॉमन मेमोरेंडम में क्या क्या शामिल

NC-JCM ने कहा कि इस कॉमन मेमोरेंडम में फिटमेंट फैक्टर, न्यूनतम वेतन, वेतनमान, भत्ते, अग्रिम पदोन्नति नीति और पेंशन लाभ से जुड़ी उनकी मांगें और राय शामिल होगी. मेमोरेंडम में मॉडिफाइड एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम पर कर्मचारी मंच से इनपुट भी शामिल होंगे, जो केंद्र की ओर से अपने कर्मचारियों के लिए उनकी सेवा के वर्षों के आधार पर फाइनेंशियल अपग्रेडेशन है. ये मेमोरेंडन एक ड्राफ्ट कमिटी तैयार करेगी, जिसकी अध्यक्षता NC-JCM के कर्मचारी पक्ष के सेक्रेटरी जनरल शिव गोपाल मिश्रा करेंगे.

रिलीज में कहा गया है कि कमिटी में कुल 13 सदस्य होंगे, जो मेमोरेंडम तैयार करने के लिए जून में बैठक करेंगे. कमिटी के सदस्यों को अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ, राष्ट्रीय भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ समेत कई मान्यता प्राप्त कर्मचारी यूनियनों से नॉमिनेट किया जाएगा.

कमिटी के गठन का फैसला नई दिल्ली में NC-JCM के कर्मचारी पक्ष की ओर से बुलाई गई बैठक में लिया गया, जिसमें मिश्रा, जो AIRF के महासचिव भी हैं; और NFIR के महासचिव एम राघवैया भी मौजूद थे. ये फैसला 8वें वेतन आयोग की आधिकारिक गठन से पहले हुआ है. पैनल के गठन को जनवरी में कैबिनेट से मंजूरी मिली थी, और आने वाले समय में इसके चेयरमैन और सदस्यों की घोषणा होने की उम्मीद है

आपको बताना जरूरी है कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों और रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन में संशोधन के लिए वेतन आयोग का गठन दशक में एक बार किया जाता है. पिछला वेतन आयोग, 7वां वेतन आयोग, 2014 में गठित किया गया था और इसकी रिपोर्ट जनवरी 2016 से लागू की गई थी.

8th Pay Commission : 8वें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे लोगों सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर सरकार अगले कुछ हफ्तों में बड़ा फैसला ले सकती है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सरकार 2 से 3 हफ्तों के भीतर आयोग की Terms of Reference (ToR) यानी कार्य दायित्व तय कर सकती है.

रिपोर्ट के मुताबिक, यदि सब कुछ ठीक रहा तो यह कमेटी मिड 2026 तक अपनी रिपोर्ट सबमिट करेगी. इसी रिपोर्ट के आधार पर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी होगी. हालांकि, रिपोर्ट भले ही मिड 2026 में आए लेकिन इसकी प्रबल संभावना है कि जनवरी 2026 से ही यह लागू हो जाएगा. यानी कर्मचारियों को एरियर के रूप में बकाया राशि भी दी जाएगी.

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आमतौर पर सरकार हर 10 साल में अपने कर्मचारियों की सैलरी को रिवाइज करती है. इसके लिए एक वेतन आयोग गठित किया जाता है जो विस्तृत अध्ययन, चर्चा और आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट तैयार करता है. पूरी रिपोर्ट तैयार करने में आमतौर पर करीब एक साल का समय लगता है. इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां और अन्य संबंधित संस्थाएं शामिल होती हैं.

8th Pay Commission : 2026 से लागू होने की उम्मीद

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रिपोर्ट सबमिट होने के बाद इसे केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाता है. कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग को लागू किया जा सकता है. सरकार इसके बाद सभी कर्मचारियों और पेंशनर्स को एरियर के रूप में भुगतान भी करेगी.

कर्मचारियों की सैलरी बढ़ोतरी के लिए फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल किया जाता है. फिटमेंट फैक्टर बेसिक सैलरी को नए स्ट्रेक्चर में बदलने का फॉर्मूला है. इसे इस तरह से भी समझ सकते हैं- नई बेसिक सैलरी = पुरानी बेसिक सैलरी × फिटमेंट फैक्टर

8th Pay Commission : फिटमेंट फैक्टर, वेतनमान पर फोकस होगा

8वें वेतन आयोग के गठन के बाद वेतन संशोधन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) या मल्टीप्लीकेशन यूनिट पर गहन विचार-विमर्श होने की उम्मीद है.

NC-JCM के कर्मचारी पक्ष के नेताओं ने NDTV प्रॉफिट से पहले बातचीत में सुझाव दिया था कि वे आयोग से 2.57 के फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश करेंगे, जो 7वें वेतन आयोग ने सिफारिश की थी, अगर ये इससे ज्यादा नहीं है.

7वें वेतन आयोग के तहत 2.57-फिटमेंट फैक्टर ने न्यूनतम वेतन को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया था. NC-JCM के सदस्यों ने फरवरी मे NDTV प्रॉफिट को बताया था कि कर्मचारी फोरम सभी वेतन बैंड में एक समान फिटमेंट फैक्टर के लिए जोर देगा. एक समान फिटमेंट फैक्टर का मतलब होगा कि वेतन संशोधन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मल्टीप्लीकेशन फैक्टर सभी कर्मचारियों के लिए एकसमान होगा, वो चाहे किसी भी वेतन बैंड के तहत आते हों.

हालांकि, पैनल ने वेतन बैंड 2 के लिए फिटमेंट फैक्टर को 2.62 तक बढ़ाने के लिए युक्तिकरण सूचकांक (index of rationalisation ) का इस्तेमाल किया, इसके बाद वेतन बैंड 3 के लिए 2.67 और वेतन बैंड 4 के तहत हाई सैलरी ग्रेड के लिए 2.72 किया. सर्वोच्च वेतन के संशोधन के लिए, 7वें वेतन आयोग ने युक्तिकरण सूचकांक को ध्यान में रखते हुए 2.81 के फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश की थी.

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