CRPF MISSION BHAROSA : सेना, सुरक्षाबल सरहद और संवेदनशील हिस्सों की निगहबानी के साथ ही साथ ही पर्यटकों का भरोसा जीतने में जुटे हैं। इसका असर भी दिखा।
CRPF MISSION BHAROSA : डल में नाव पर सीआरपीएफ की पैट्रोलिंग… भद्रवाह में फूलों से पर्यटकों का स्वागत…ये है मिशन भरोसा। सेना, सुरक्षाबल सरहद और संवेदनशील हिस्सों की निगहबानी के साथ ही साथ ही पर्यटकों का भरोसा जीतने में जुटे हैं। इसका असर भी दिखा।
रविवार को कश्मीर घाटी की डल झील पर सैलानी बड़ी संख्या में लौटे. पहलगाम में हुए आतंकी हमले की खबरों के बावजूद, गुजरात, बंगाल, असम और झारखंड से आए पर्यटकों ने कहा कि वे सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. कुछ पर्यटकों ने बताया कि उन्हें यात्रा रद्द करने की सलाह मिली थी, लेकिन ट्रैवल एजेंसी और स्थानीय लोगों के आश्वासन पर वे कश्मीर आए.
पर्यटक स्थल फिर से गुलजार होने लगे हैं। जिस पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों का हौसला तोड़ने के लिए 26 बेगुनाहों की जान ले ली, उसी पहलगाम में रविवार को न केवल देसी, बल्कि विदेशी पर्यटक चहलकदमी करते दिखे। पहलगाम ही क्यों, आतंकी हमले के बाद 4 दिनों तक बंद रहा भद्रवाह का प्रसिद्ध और मनोरम पर्यटन स्थल गुलडांडा और चत्तरगल्ला भी रविवार को फिर पर्यटकों के लिए खुल गया।
जिला प्रशासन डोडा ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने और पर्यटकों का स्वागत करने के लिए यहां विशेष इंतजाम किए हैं। भद्रवाह में सेना ने गुलाब के फूल देकर पर्यटकों का स्वागत किया। यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से आए सैकड़ों सैलानियों ने बर्फ से ढकी चोटियों का आनंद लिया।
CRPF MISSION BHAROSA : पर्यटक स्थानीय लोगों की मेहमाननवाजी और सेना के स्वागत से खुश दिखे। जिला प्रशासन डोडा के अनुसार, रविवार सुबह 10 बजे से नाल्थी चेक पोस्ट से चत्तरगल्ला और आगे की ओर सभी प्रकार के यातायात की अनुमति दे दी गई। यहां सेना, एसओजी और सीआरपीएफ की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात हैं।
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दोपहर 3 बजे तक 3,700 पर्यटकों ने नाल्थी चेक पोस्ट पार किया है, जो पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर एक अच्छा संकेत है। इस पहल से स्थानीय दुकानदारों और होटल संगठनों ने भी राहत की सांस ली है और उनका व्यवसाय फिर से शुरू हो गया है।
CRPF MISSION BHAROSA : कोई डर नहीं…
अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर पहलगाम में आतंकी हमले के कारण पर्यटन काफी प्रभावित हुआ है। पांच दिन पहले यहां पर्यटकों के लिए कमरे मिलना मुश्किल था, अब हालात सामान्य हो रहा है।
पहलगाम में पर्यटकों का आगमन फिर शुरू हो गया है। देश के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी पहलगाम में नजर आने लगे हैं। मुंबई से आई एक पर्यटक, काजल कहती हैं कि मैं यहां आकर खुश हूं। मुझे यहां कोई डर नहीं है। मैं पांच दिनों से यहां हूं और डर नाम की कोई चीज नहीं है।
यहां का माहौल अब थोड़ा बदलने लगा है और मेहमानों का आना धीरे-धीरे फिर से शुरू हो रहा है। स्थानीय व्यापारियों और होटल मालिकों को उम्मीद है कि रौनक फिर से कायम होगी।
सेना, सुरक्षाबल सरहद और संवेदनशील हिस्सों की निगहबानी के साथ ही साथ ही पर्यटकों का भरोसा जीतने में जुटे हैं। इसका असर भी दिखा।
CRPF MISSION भरोसा : 2024 में कश्मीर आए 2.36 करोड़ सैलानी
CRPF MISSION BHAROSA : कश्मीर को केंद्रीय शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से यहां आने वाले टूरिस्ट्स की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी। साल 2020 में यहां 34 लाख सैलानी आए थे, 2021 में कश्मीर आने वाले सैलानियों की संख्या कई गुना बढ़कर 1.13 करोड़ हो गई। फिर 2022 में यहां 1.88 करोड़, 2023 में 2.11 करोड़ और 2024 में 2.36 करोड़ सैलानी आए। 2024 में आए कुल सैलानियों में 65,000 से ज्यादा विदेशी सैलानी शामिल थे। कश्मीर के प्रमुख टूरिस्ट प्लेस में गुलमर्ग, सोनमर्ग, पहलगाम और डल झील का नाम सबसे ऊपर है। साल 2024 में गुलमर्ग ने 103 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट किया था।