8th Pay Commission : OPS बहाली के 8वें सीपीसी (8वें वेतन आयोग) की संदर्भ शर्तों में शामिल करने की मांग़, खत्म हो NPS-UPS
8th Pay Commission : काॅन्फेडरेशन के महासचिव एस बी यादव द्वारा जारी पत्र के अनुसार, मांगों के चार्टर में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग(8th Pay Commission) के लिए एक समिति की तत्काल स्थापना करना, पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली, कोरोनाकाल के दौरान रोके गए महंगाई भत्ते को जारी करना, अनुकंपा नियुक्तियों पर सीलिंग को हटाना, रिक्त पदों को भरना और संघों के लोकतांत्रिक कामकाज को सुनिश्चित करना आदि मांगे शामिल हैं।
‘काॅन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गर्वनमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स’ ने 7 मार्च को अपने सभी सदस्यों के लिए एक परिपत्र जारी किया है। इसमे उन मांगों के बारे में बताया ग्या है जो सरकार की निष्क्रियता के कारण अभी तक अनसुलझी हैं। इन मांगों की खातिर ‘काॅन्फेडरेशन’ लंबे समय तक आंदोलन करता रहा है। राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के निर्णयों के मुताबिक, सदस्यों के बीच उक्त मांगों को पंहुचाने के लिए 10 और 11 मार्च को गेट सभा और आम सभा की बैठके आयोजित करने का निर्णय लिया गया हैं।
‘काॅन्फेडरेशन’ के महासचिव एसबी यादव द्वारा जारी पत्र के अनुसार, मांगों के चार्टर में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग(8th Pay Commission) एक समिति की तत्काल स्थापना करना, पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली, कोरोनाकाल के दौरान रोके गए महंगाई भत्ते को जारी करना, अनुकंपा नियुक्तियों पर सीलिंग को हटाना, रिक्त पदों को भरना और संघों के लोकतांत्रिक कामकाज को सुनिश्चित करना आदि मांगे शामिल हैं।
यह पत्र ‘काॅन्फेडरेशन’ के पदाधिकारी, नेशनल एग्जीक्यूटिव मेंबर, राज्यों की सीओसी के महासचिव और सभी संबद्ध संगठनों के कार्यकारी पदाधिकारियों को भी भेजा गया है।
8th Pay Commission : क्या है मांगे?
यादव के अनुसार, परिसंघ अपनी वास्तविक वैध मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहा है, लेकिन सरकार का रवैया अड़ियल है। सभी मांगें अनसुलझी है, जिसके कारण परिणामस्वरूप केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों में नाराजगी है। मांगों के इस चार्टर में कहा गया है कि एनसी- जेसीएम द्वारा जो सुझाव/विचार दिए गए है, उन्हें 8वें केंद्रीय वेतन आयोग(8th Pay Commission) की संदर्भ शर्तों में शामिल किया जाए।
NPS/UPS को खत्म किया जाए, सभी कर्मचारियों के लिए OPS बहाल किया जाए। कोविड महामारी के दौरान कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के रोके गए DA/DR की तीन किस्तें जारी की जाए। पेंशन के कम्यूटेड हिस्से को 15 साल की बजाय 12 साल बाद बहाल किया जाए। अनुकंपा नियुक्ति पर लगाई गई 5 प्रतिशत की सीलिंग को हटाया जाए। सभी मामलों में मृतक कर्मचारी के बच्चों/ आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। तमाम विभागों में सभी कैडर के रिक्त पदों को भरा जाए, सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग और निगमीकरण को रोका जाए।
जेसीएम तंत्र के अनुसार एसोसिएशन/ फेडरेशन के लोकतांत्रिक कामकाज को सुनिश्चित किया जाए। लंबित एसोसिएशन/ फेडरेशन को मान्यता प्रदान करें। AIPEU ग्रेड सी यूनियन, NFPI और इसरोसा के मान्यता रद्द करने के आदेश वापस लिए जाएं। सेवा एसोसिएशन/ फेडरेशन पर नियम 151(सी) को लागू करना बंद करें। कैजुअल, कंटीजेंट कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले मजदूरों और जीडीएस कर्मचारियों को नियमित करे, स्वायत्त निकायों के कर्मचारियों को सीजी कर्मचारियों के बराबर दर्जा दे।
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केंद्र सरकार ने गत माह कर्मचारियों के सर्वोच्च मंच ‘ नेशनल काउंसिल’ जेसीएम 8वें केंद्रीय वेतन आयोग(8th Pay Commission) के गठन के लिए संदर्भ की शर्तें मांगी थी। उसके बाद 10 फरवरी को कर्मचारियों की राष्ट्रीय परिषद जेसीएम की स्थायी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता DOPT सचिव ने की।
इसमें 8वें केंद्रीय वेतन आयोग(8th Pay Commission) की गठन की संदर्भ की शर्तों पर चर्चा की गई। कर्मचारी पक्ष की तरफ से कहा गया की मौजूदा परिस्थितियों में परिभाषित और गैर- अंशदायी ‘ पुरानी पेंशन’ योजना की जरूरत हैं। अन्य सुझावों के साथ ही इस मांग को भी प्रमुखता सं आठवें वेतन आयोग की संदर्भ शर्तों का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।
10 फरवरी को राष्ट्रीय परिषद- जेसीएम की स्थायी समिति की बैठक में स्टाप पक्ष का प्रतिनिधित्व कामरेड शिव गोपाल मिश्रा (सचिव) ने किया था तथा बैठक में और तमाम स्थायी सदस्य उपस्तिथ थे। जेसीएम के प्रतिनिधियों ने वेतन भत्ते तय करने वाले नियमों की बहुत अधिक समीक्षा और उनमें सुधार की जरूरत पर बल दिया है। मौजूदा समय में जीवन की आवश्यकताएं बढ गई है। कर्मचारी और उनके आश्रितों क ईलाज तक नही हो पा रहा है।
8th Pay Commission : क्या मिलेगा OPS?
आठवे वेतन आयोग (8th Pay Commission) के सन्दर्भ शर्तों के लिए कर्मचारी पक्ष ने कहा , जीवन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम वेतन तय किया जाय | कर्मचारी के लिए ऐसी स्थिति रहे की जिसमे वह सम्मानजनक तरीके से जीवनयापन कर सके| कर्मचारी पक्ष की और से पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बाहली करने की मांग भी की गई है| सन्दर्भ शर्तों में रेलवे और रक्षा नागरिक कर्मचारियों पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है| इसके अलावा पेंशनभोगियों के मुद्दे और CGHS से जुड़े प्रावधान, इन्हे भी संदर्भो की शर्तों में शामिल करने की मांग की गई है|
अन्य मांगों में विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों का वेतन, भत्ते, अन्य लाभ/सुविधाएं, सेवानिवृत्ति से जुड़े मुद्दे जैसे पेंशन/ग्रेजुएटी और अन्य टर्मिनल लाभ आदि की मौजूदा संरचना की जांच करना, आदि शामिल है| जेसीएम की सरकार को जो सुझाव दिए गए है, उनमे केंद्र सरकार के कर्मचारी, औधोगिक और गैर-औद्यगिक, दोनों शामिल है|
इनके अलावा अखिल भारतीय सेवाओं से संम्बधित कार्मिक, रक्षा बलों और अर्धसैनिक बलों के कार्मिक, डाक विभाग से संम्बधित कार्मिक, केंद्र शासित प्रदेशों के कार्मिक, भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी, उच्चतम न्यायलय के अधिकारी एवं कर्मचारी, संसद के अधिनियम के तहत गठित नियामक निकायों (आरबीआई को छोड़कर) के सदस्य और केंद्र सरकार के स्वायत्त निकायों व संस्थानों के कर्मचारी भी शामिल है|
कर्मचारियों के तरफ से कहा गया की 15वे भारतीय श्रम सम्मलेन की सिफारिश के सन्दर्भ में न्यूनतम वेतन को ‘सभ्य और सम्मानजनक जीवनयापन वेतन’ के रूप में प्रदान करने के लिए वेतन संरचना, लाभ, सुविधाएं, सेवानिवृति लाभ, कल्याण मामले आदि का निर्धारण किया जाए| पिछले 65 वर्षों में हुआ विकास और जीवन आवश्यकताओं पर विचार करते हुए डॉ आक्रोयड फॉर्मूले में संशोदन के साथ-साथ न्यूनतम मजदूरी तय करने पर सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों पर भी विचार किया जाए|
वर्ष 2019 में राष्ट्रिय न्यूनतम वेतन निति निर्धारित करने के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के अनुसार उपयोग इकाइयों को 03 परिवार इकाइयों से बढाकर 3.6 परिवार इकाइयों तक बढ़ाने पर भी विचार किया जाए| यह भी संदर्भ शर्तों का हिस्सा बने|
8वी सीपीसी को गैर-वयवहार्य वेतनमान जैसे लेवल-1 को लेवल-2 के साथ और लेवल-3 को लेवल-4 और लेवल-5 को लेवल-6 के साथ विलय करने पर विचार करना चाहिए | एमएसीपी (MACP) योजना में मौजूदा विसंगतियों पर विचार करना और पदोन्नति पदानुक्रम में बहुत परिभाषित पदानुक्रमित संरचना और एमएसीपी (MACP) के साथ सेवा में न्यूनतम 5 पदोन्नति की सिफारिश करना, इसे भी सन्दर्भ की शर्तों में शामिल करे|
केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को तुरंत मंजूर की जाने वाली अंतरिम राहत का निर्धारण, इस पर विचार किया जाए| वेतन और पेंशन के साथ विलय किए जाने वाले मंहगाई भत्ते/ मंहगाई राहत का प्रतिशत, तुरंत निर्धारित हो| 7वी सीपीसी की विभिन्न विसंगतियों समिति की बैठकों और जीसीएम बैठकों में उठाया गया था, सन्दर्भ शर्तों में इनके समाधान पर विचार किया जाए| जेसीएम सदस्यों ने इसे जरुरी विषय बताया है|
पेंशन, मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति, ग्रेच्युटी, पारिवारिक पेंशन, 12 साल के बाद पेंशन के परिवर्तिति हिस्से की बहाली, हर पांच साल के बाद पेंशन में वृद्धि के लिए संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों को लागू करना, इसे भी संदर्भ शर्तों के लिए भेजा गया है| मौजूदा सेवानिवृत्ति लाभों में आवश्यक सुधार करना, अतीत व भविष्य के पेंशनभोगियों के बिच समानता, यह सुझाव भी भेजा गया है|
एक जनवरी या उसके बाद भर्ती हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सीसीएस (पेंशन नियम) 1972 (अब 2011) के तहत परिभाषित और गैर अंशदायी पेंशन योजना की समीक्षा करना और उसे बहाल करना, DOTP सचिव के समक्ष यह सुझाव भी रखा गया है|
सीजीएचएस (CGHS) से सम्बंधित मामलो को लेकर एफएमए की संसदीय स्थायी समिति की सिफारिश करना और डाक पेंशनभोगियों सहित कर्मचारियों व पेंशनभोगियों को कैशलेश/परेशानी मुक्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के तरीकों की सिफारिश करना, इन भी सन्दर्भ शर्तों में शामिल किया जाए|
स्नाकोत्तर स्तर तक बाल शिक्षा भत्ता और छात्रावास सबसिडी की समीक्षा व अनुशंसा करना| ऐसे अग्रिमों की समीक्षा करना और उन्हें शुरू करने की सिफारिश करना, जो वर्तमान परिस्तिथि में आवश्यक है और साथ ही जो अग्रिम बंद कर दिए गए है, उन्हें बहाल कारण, उक्त बातों को भी आठवे वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सन्दर्भ शर्तों में शामिल किया जाए|
365 दिन में चौबीसों घंटे काम करने वाले रेलवे कर्मचारियों के कर्त्वयों की प्रकृति में शामिल जोखिम और कठिनाई को चयन में रखते हुए, भारतीय रेलवे में सभी श्रेणियों के कर्मचारियों को जोखिम और कठिनाई भत्ते के भुगतान पर विचार करना|
अत्यधिक, बारहमासी, जोखिम भरी और खतरनाक कामकाजी परिसिथितियों पर विचार करना, जिसके तहत रक्षा नागरिक कर्मचारी हथियारों, गोला-बारूद, रसायन, विस्फोटक और एसिड आदि के निर्माण व इसके भण्डारण में शामिल होते है, इनके लिए एक विशेष जोखिम भत्ता, बीमा कवरेज की सिफारिश करना, मुआवजा आदि, ये भी सन्दर्भ शर्तों का हिस्सा बने|
जेसीएम के सदस्य और एआईडीएएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार ने बताया, सभी श्रेणी के कर्मचारियों के लिए काम से काम पांच पदोन्नति होनी चाहिए| रक्षा विभाग के सिविलियन कर्मचारी बहुत जोखिम भर हालात में काम कर रहे है|
आयुध निर्माणियों में आकस्मिक हादसे होते है| निगमीकरण के बाद कर्मचारियों के कल्याण की परिभाषा बदल रही है| काम के दौरान होने वाले हादसों में जान खोने या घायल कर्मियों को बेहतर इलाज और मुआवजे की जरुरत है| वे लोग जोखिम के विशेष कवरेज के पात्र है|
सीपीसी की इस बाबत अध्यन करने की आवश्यकता है| एमओडी (MOD) द्वारा जोखिम भत्ता समिति का गठन किया गया था| एनसी-जेसीएम (NC-JCM) की स्थायी समिति द्वारा बार-बार आग्रह करने के बावजूद यह काम नहीं कर रही है| अभ्यावेदन बैठके नहीं बुलाई जाती|
समाप्त किए गए फेस्टिवल एडवांस एवं अन्य एडवांस बहाल किए जाएं| मूल वेतन के साथ 50% DA और पेंशन के साथ 50% DR का विलय हो| सचिव DOPT ने, कर्मचारी पक्ष को भरोसा दिलाया है की स्टाफ द्वारा सन्दर्भ की शर्तों पर जो बाते कही गई है, उन पर विचार किया जाएगा| याग भी आश्वासन दिया गया की कर्मचारी पक्ष के साथ आगे की बैठक उचित समय पर होगी|
सोर्स – amarujala
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