FAKE ITBP JAWAN : शिवपुरी जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां भूरा गुर्जर नामक व्यक्ति ने हरी सिंह आदिवासी के नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके आईटीबीपी में नौकरी प्राप्त की. एक साल तक नौकरी करने के बाद, उसकी पहचान उजागर हुई.
मध्य प्रदेश से फर्जी दस्तावेजों के सहारे सरकारी नौकरी पाने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. शिवपुरी जिले के कोलारस तहसील के चकरा गांव के मूल निवासी हरी सिंह आदिवासी के नाम पर भूरा गुर्जर नामक युवक ने आईटीबीपी (इंडियन-तिब्बत बॉर्डर पुलिस) में भर्ती होकर एक साल तक नौकरी भी कर ली अब यह मामला एक जांच के बाद उजागर हुआ है.
एसटी आरक्षण का फायदा उठाकर भर्ती होने वाले गुर्जर युवक के हावभाव और भाषा शैली को देखकर अफसरों को शक हुआ. इसके बाद दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि उसने अपना पता चकरा गांव का दिया था. आईटीबीपी मुख्यालय से जांच शिवपुरी जिला कलेक्टर मुख्यालय भेजी गई. जब कलेक्टर ने इसकी जांच के लिए कार्रवाई की तो सनसनीखेज मामला सामने आया.
शिवपुरी कलेक्टर के पास वेरिफिकेशन के लिए दस्तावेज पहुंचे, तो स्थानीय निवास प्रमाण पत्र की जांच के लिए पटवारी को गांव भेजा गया. गांव में जांच के दौरान असली हरी सिंह आदिवासी बकरियां चराते हुए मिला. तब इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. अनूप श्रीवास्तव, एसडीएम, कोलारस ने बताया कि मामले की जानकारी आईटीबीपी को भेज दी गई है. एफआईआर भी दर्ज करा रहे हैं. भूरा गुर्जर वर्तमान में आईटीबीपी की 54वीं वाहिनी में असम के सोनितपुर जिले में तैनात है.
FAKE ITBP JAWAN : 10 बीघा जमीन देने का दिया था लालच
इस मामले में 10 बीघा जमीन के लालच में जाति और निवास प्रमाण पत्र दिलवाने का भी मामला है. जानकारी में सामने आया है कि गांव में मिले असली हरी सिंह ने बताया कि 9 साल पहले वह आलू खोदने के लिए उत्तर प्रदेश के आगरा गया था. वहां उसकी मुलाकात भूरा गुर्जर से हुई, उसने 10 बीघा जमीन देने का लालच देकर उसकी 8वीं की अंकसूची, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र ले लिया.
एसटी कोटे से पाई नौकरी
बाद में पता चला कि भूरा गुर्जर ने उन्हीं दस्तावेजों पर अपनी फोटो लगाकर डिजिटल प्रमाण पत्र बनवा लिया और एसटी कोटे से आईटीबीपी में भर्ती हो गया. मामले की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ. भूरा गुर्जर ने न सिर्फ खुद को आदिवासी बताकर सरकारी नौकरी ली. बल्कि उसने अपने माता-पिता, पत्नी और दादा के आधार कार्ड में भी हरी सिंह आदिवासी की पीढ़ियों के नाम दर्ज करवा कर दस्तावेजों में हेरा फेरी कर दी.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
जांच में यह भी सामने आया कि असली और नकली हरी सिंह के आधार नंबर अलग-अलग हैं, लेकिन नाम और पता एक जैसा है. भूरा गुर्जर के माता-पिता के आधार कार्ड भी अलग-अलग नंबरों के साथ दर्ज मिले. अब इस मामले की पूरी जांच आईटीबीपी मुख्यालय को सौंप दी गई है. इसके साथ-साथ भूरा गुर्जर नाम के युवक पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने के मामले में उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ विभागीय कार्रवाई भी की जा रही है.
FAKE ITBP JAWAN : बकरी चराने वाले हरी सिंह और ITBP में तैनात हरीसिंह का खुला राज
मामले की जांच के लिए आईटीबीपी मुख्यालय से रिपोर्ट शिवपुरी जिला कलेक्टर मुख्यालय पर भेजी गई और कलेक्टर की जांच में मामले का खुलासा हुआ. युवक के वेरिफिकेशन के लिए भूरा सिंह का निवास प्रमाण पत्र जांचने के लिए पटवारी को गांव भेजा गया, जिसमें बकरी चराने वाले हरी सिंह और आईटीबीपी में तैनात हरीसिंह का राज खुल गया.
कोलारस एसडीम बोले, आरोपी भूरा सिंह पर कराया जा रहा है FIR
इस बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करने वाले एसडीएम, कोलारस अनूप श्रीवास्तव,ने बताया कि मामले की जानकारी आईटीबीपी को भेज दी गई है और आरोपी भूरा सिंह पर एफआईआर भी दर्ज कराृया जा रहा है. बताया जा रहा है कि आरोपी भूरा गुर्जर वर्तमान में आईटीबीपी की 54वीं वाहिनी में असम के सोनितपुर जिले में तैनात है.
9 साल पहले आगरा गए आदिवासी युवक हरीसिंह से मिला था आरोपी
जानकारी में सामने आया है कि बकरी चराते गांव में मिले असली हरीसिंह 9 साल पहले आलू खोदने के लिए आगरा गया था, वहां उसकी मुलाकात भूरा गुर्जर से हुई थी. वहीं, पर आरोपी ने हरी सिंह को 10 बीघा जमीन देने का लालच देकर उसकी 8वीं की अंकसूची, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र ले लिया था.
FAKE ITBP JAWAN : असली और नकली हरीसिंह के आधार कार्ड पर अलग-अलग नबंर मिले
जांच में सामने आया कि असली और नकली हरीसिंह के आधार नंबर अलग-अलग पाए गए हैं, लेकिन नाम और पता एक जैसा है. यही नहीं, आरोपी भूरा गुर्जर के माता-पिता के आधार कार्ड भी अलग-अलग नंबरों के साथ दर्ज मिले हैं. मामले की पूरी जांच आईटीबीपी मुख्यालय फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने वाले भूरा गुर्जर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी.