NEXT DA HIKE : अगली बार क्या 2 प्रतिशत से आगे बढ़ेगी डीए या कम हो जाएगा ?

NEXT DA HIKE : सरकारी कर्मियों और पेंशनरों को इस साल एक जनवरी से डीए/डीआर में तीन फीसदी वृद्धि होने की उम्मीद थी। डीए/डीआर की दर में दो फीसदी की वृद्धि की गई। इसके पीछे की क्या थी वजह, क्या आगे भी इतनी ही वृद्धी होगी ?

केंद्र सरकार ने पिछले महीने अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए डीए/डीआर की दरों में दो प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा की थी। यह वृद्धि एक जनवरी 2025 से लागू हुई है। सरकारी कर्मियों का डीए 53 फीसदी से बढ़ कर 55 प्रतिशत हो गया। हालांकि कर्मचारियों को डीए की दर 56 प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें दो फीसदी की वृद्धि में ही संतोष करना पड़ा। अब कर्मचारियों के डीए में एक जुलाई 2025 से बढ़ोतरी होनी है।

मौजूदा आर्थिक स्थितियों में डीए वृद्धि की दर तीन या चार फीसदी तक पहुंचने की बजाए दो या उससे कम रह सकती है। इसके पीछे अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) और महंगाई दर के कम होने को मुख्य वजह बताया जा रहा है। हालाँकि अभी दो महीने का डेटा जारी हुआ है।फाइनल डेटा जुलाई में जारी होगा।

बता दें कि सरकारी कर्मियों और पेंशनरों को इस साल एक जनवरी से डीए/डीआर में तीन फीसदी वृद्धि होने की उम्मीद थी। डीए/डीआर की दर में दो फीसदी की वृद्धि की गई। इसके पीछे की मुख्य वजह, दिसंबर 2024 के लिए ऑल-इंडिया सीपीआई-आईडब्लू में 0.8 अंक की कमी आना रही है। श्रम ब्यूरो द्वारा जारी सूचकांक डेटा 143.7 अकों पर संकलित हुआ था। इससे पहले गत वर्ष दीवाली पर महंगाई भत्ते में 3 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। सातवें वेतन आयोग के अनुसार, महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर होती है।

जुलाई 2024 से दिसंबर 2024 तक के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों से तय होता है कि जनवरी 2025 में केंद्र सरकार, डीए में कितना इजाफा कर सकती है। जुलाई 2024 से नवंबर 2024 तक का डेटा बता रहा था कि जनवरी 2025 में डीए की दरों में 3 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। इसके बाद दिसंबर के एआईसीपीआई के आंकड़े जारी होने के बाद केंद्रीय कर्मियों के डीए में तीन फीसदी वृद्धि की उम्मीद धूमिल होती नजर आई।

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जानकारों का कहना था, अगर दिसंबर में यह आंकड़ा 145 के आस-पास रहता है तो डीए 56 फीसदी पर पहुंच सकता था। नवंबर 2024 के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) 144.5 अंकों के स्तर पर स्थिर रहा है। नवंबर 2024 के लिए मुद्रास्फीति दर नवंबर 2023 के 4.98 प्रतिशत की तुलना में 3.88 प्रतिशत रही है। अब जनवरी और फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में गिरावट दर्ज की गई है।

श्रम ब्यूरो, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबंधित कार्यालय द्वारा हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का संकलन देश परिव्याप्त 88 महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा मूल्यों के आधार पर किया जाता है। फरवरी 2025 का अखिल भारत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) 0.4 अंक घटकर 142.8 अंकों के स्तर पर संकलित हुआ है।

फरवरी 2025 के लिए मुद्रास्फीति दर, फरवरी 2024 के 4.90 प्रतिशत की तुलना में 2.59 प्रतिशत रही है। हालांकि जुलाई 2025 से डीए में बढ़ोतरी या कमी, यह आगामी चार माह के अखिल-भारत समूह-वार सूचकांक पर निर्भर करती है। सूचकांक में जून तक लगातार बढ़ोतरी होती है तो डीए/डीआर में वृद्धि के प्रबल आसार हो जाएंगे। अभी तक साल के पहले दो महीने का ही डेटा जारी हुआ है।

सितंबर 2024 का अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) 0.7 अंक बढ़कर 143.3 अंकों के स्तर पर संकलित हुआ था। सितंबर 2024 के लिए मुद्रास्फीति दर सितंबर 2023 के 4.72 प्रतिशत की तुलना में 4.22 प्रतिशत रही थी।

अगस्त 2024 का अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) 0.1 अंक घटकर 142.6 अंकों के स्तर पर संकलित हुआ था। अगस्त 2024 के लिए मुद्रास्फीति दर अगस्त 2023 के 6.91 प्रतिशत की तुलना में 2.44 प्रतिशत रही थी।

NEXT DA HIKE : महंगाई भत्ते की गणना का कैलकुलेटर बदलने की मांग …  

केंद्रीय बजट से पहले केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने कैबिनेट सचिव के समक्ष एक नई मांग रखी थी। कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने कैबिनेट सचिव को भेजे अपने पत्र में महंगाई भत्ता/महंगाई राहत यानी ‘डीए/डीआर’ की गणना का कैलकुलेटर बदलने की मांग की थी। कर्मचारी नेता का कहना था कि डीए की दर तय करने के लिए 12 महीने के औसत को तीन महीने के औसत से बदला जाना चाहिए।

इसका अर्थ है कि परिवर्तनीय डीए दिया जाना चाहिए। इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों को हर तीन महीने में वास्तविक मूल्य वृद्धि से मुआवजा मिल सकेगा।सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों का डीए इसी आधार पर तय होता है। इतना ही नहीं, केंद्रीय कर्मियों और पेंशनरों के लिए अलग से ‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक’ तैयार करने की मांग की गई है।

NEXT DA HIKE : कैबिनेट सचिव को भेजा गया था पत्र … 

कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स द्वारा 17 जनवरी को यह पत्र कैबिनेट सचिव को भेजा गया था। इसमें कहा गया कि बैंकिंग कर्मचारियों का डीए हर साल प्रत्येक तिमाही यानी फरवरी-अप्रैल, मई-जुलाई, अगस्त-अक्टूबर और नवंबर-जनवरी में संशोधित किया जाता है। यादव के मुताबिक, यदि जनवरी में मूल्य वृद्धि हो रही है, तो इसकी आंशिक भरपाई 12 महीनों के बाद की जाती है। डीए की गणना और भुगतान छह महीने के बजाय हर तीन महीने में किया जाना चाहिए। पॉइंट टू पॉइंट डीए प्रदान किया जाना चाहिए।

अब डीए को न्यूनतम मूल्य पर राउंड ऑफ किया जाता है। जैसे हम 42.90% डीए के लिए पात्र हैं तो हमें केवल 42% डीए स्वीकृत किया जाता है। 0.9% डीए से केंद्रीय कर्मचारियों को छह महीने तक वंचित किया जाता है। केंद्र सरकार के कर्मियों को प्वाइंट-टू-प्वाइंट डीए प्रदान किया जाना चाहिए। बैंकों और एलआईसी के कर्मचारियों को प्वाइंट-टू-प्वाइंट डीए मिलता है।

NEXT DA HIKE : अलग से उपभोक्ता सूचकांक का निर्माण … 

केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अलग से उपभोक्ता सूचकांक का निर्माण करने की मांग की गई है। सरकार द्वारा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की गणना के लिए उपयोग की जाने वाली 465 वस्तुओं को आधार बनाया जाता है। चूंकि इनमें से कई वस्तुओं का उपयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों द्वारा दैनिक जीवन में नहीं किया जाता है। यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों द्वारा उपयोग की जाने वाली वास्तविक वस्तुओं की मूल्य वृद्धि के प्रभाव को बेअसर कर देता है।

जैसे इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की खरीददारी रोजाना तो होती नहीं है। फ्रिज, वॉशिंग मशीन, टीवी या कोई दूसरा बिजली का उपकरण, कई वर्ष बाद ही खरीदे जाते हैं। एक बार खरीद के बाद इनकी कीमत घटती चली जाती है।सरकारी एजेंसियों और दूसरी संस्थाओं द्वारा महंगाई का जो ग्राफ पेश किया जाता है, उसमें अंतर होता है। ऐसे में महंगाई भत्ता तय करने के लिए जो गणना होती है, उसमें भी बदलाव किया जाना चाहिए।

NEXT DA HIKE : कम महंगाई भत्ता मिल रहा है… 

कर्मचारियों को मूल्य वृद्धि की तुलना में वास्तविक से कम महंगाई भत्ता मिल रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक अलग ‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक’ बनाने की आवश्यकता है। कॉन्फेडरेशन के महासचिव के अनुसार, छठे सीपीसी में पैरा संख्या 4.1.13 के तहत आयोग का विचार है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग को विशेष रूप से सरकारी कर्मचारियों को कवर करने वाले एक विशिष्ट सर्वेक्षण की संभावना तलाशने के लिए कहा जा सकता है। इसके जरिए सरकारी कर्मियों के लिए उपभोग टोकरी प्रतिनिधि का निर्माण किया जा सकता है। कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी के मुताबिक उनके लिए अलग सूचकांक तैयार किया जाए।

NEXT DA HIKE : 317 बाजारों से एकत्रित होती हैं खुदरा कीमतें … 

श्रम ब्यूरो, जो श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का एक संलग्न कार्यालय है, देश के 88 औद्योगिक महत्वपूर्ण केंद्रों में फैले 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा कीमतों के आधार पर हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संकलित कर रहा है। यह सूचकांक 88 औद्योगिक महत्वपूर्ण केंद्रों के लिए संकलित किया जाता है। अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, अगले महीने के अंतिम कार्य दिवस पर जारी किया जाता है। इसमें डीए की गणना हर छह महीने में की जाती है। श्रम ब्यूरो, शिमला द्वारा बनाए गए औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और खुदरा कीमतें अलग-अलग खुदरा दरें दिखाते हैं।

राज्य सरकार द्वारा संचालित सहकारी समितियों सहित आवश्यक वस्तुओं की खुदरा कीमतों और उक्त सूचकांक द्वारा तैयार खुदरा कीमतों में अंतर होता है। वस्तुओं की कीमत का शुद्ध अंतर 30% तक भिन्न होता है। श्रम ब्यूरो, शिमला की तुलना में केंद्र सरकार के अन्य विभाग, जैसे आर्थिक और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा जारी खुदरा कीमतों में भी अंतर देखने को मिलता है। उपभोक्ता मामले विभाग (मूल्य निगरानी प्रभाग) का डेटा भी अलग रहता है।

NEXT DA HIKE : खुदरा कीमतें तय करने के लिए हो उचित पद्धति … 

ऐसे में केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी, उचित उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से वंचित हैं। श्रम ब्यूरो, शिमला द्वारा बनाए गए खुदरा मूल्य, कम कीमतों पर आधारित होता है। महंगाई भत्ता और महंगाई राहत, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) बिंदुओं पर आधारित है। वस्तुओं की खुदरा कीमतें तय करने के लिए उचित पद्धति अपनाई जाए। कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स द्वारा कैबिनेट सचिव से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में सुझाए गए उपरोक्त मुख्य सुधारों को जल्द से जल्द लागू करने का अनुरोध किया गया है।

 

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