Bokaro Encounter : झारखंड के बोकारो जिला अंतर्गत ललपनिया इलाके के जंगल में पुलिस एवं सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 8 नक्सली (Naxalites) मारे गए हैं, जिसमें एक करोड़ के इनामी माओवादी प्रयाग माझी भी शामिल है. यह मुठभेड़ सोमवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे शुरू हुई है।
Bokaro Encounter : Naxalites के साथ CRPF की मुठभेड़
संभावना जताई जा रही है कि मुठभेड़ में कई अन्य नक्सलियों (Naxalites) को गोली लगी है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने राज्य पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में झारखंड के बोकारो जिले के ललपनिया क्षेत्र की लुगु पहाड़ियों में आज सुबह मुठभेड़ में चार नक्सलियों को ढेर कर दिया. जवानों ने एक एसएलआर और एक इंसास राइफल बरामद की है. अभी तक जवानों के घायल होने की कोई खबर नहीं है. रुक-रुक कर गोलीबारी जारी है.
Bokaro Encounter : सर्च ऑपरेशन के दौरान हुई मुठभेड़
बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ और पुलिस बल की संयुक्त टीम ललपनिया थाना क्षेत्र के लुगू पहाड़ और उसकी तराई वाले जंगली इलाके में सर्च ऑपरेशन पर निकली थी. इसी दौरान जंगल में छिपे नक्सलियों (Naxalites) ने पुलिस और सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी. जवानों ने भी मोर्चा संभाला और जवाबी फायरिंग की. सर्च ऑपरेशन में ‘209 कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन’ (कोबरा) के और झारखंड पुलिस के जवान शामिल हैं.
झारखंड में इस वर्ष पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में अब तक 11 नक्सली मारे गए हैं. पुलिस और सुरक्षा बलों ने इस वर्ष तक झारखंड को पूरी तरह नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. झारखंड पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में पुलिस ने 244 नक्सलियों को गिरफ्तार किया था, जबकि पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में नौ नक्सली मारे गए. 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में चार जोनल कमांडर, एक सब जनरल कमांडर और तीन एरिया कमांडर शामिल थे.
Bokaro Encounter : पांच घंटे चली फायरिंग, भारी हथियार बरामद
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुबह करीब 5:30 बजे मुठभेड़ शुरू हुई और ढाई घंटे तक रुक-रुक कर फायरिंग चलती रही। CRPF की 209 कोबरा बटालियन और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम इस ऑपरेशन में शामिल थी। मुठभेड़ स्थल से एक AK सीरीज राइफल, तीन INSAS, एक SLR, आठ देसी बंदूकें और एक पिस्तौल बरामद की गई हैं।
Bokaro Encounter : एक करोड़ का इनामी समेत आठ नक्सली मारे गए
DGP अनुराग गुप्ता ने बताया कि प्रयाग मांझी उर्फ विवेक के अलावा 10 लाख के इनामी नक्सली साहेब राम मांझी और अरविंद यादव उर्फ अविनाश की भी पहचान हुई है। बाकी माओवादियों की शिनाख्त की जा रही है। सभी नक्सली एक बड़े दस्ते का हिस्सा थे जो इस इलाके में सक्रिय था।
कोई जवान घायल नहीं, ऑपरेशन सफल
इस पूरे ऑपरेशन में किसी भी जवान के घायल होने की खबर नहीं है। कोबरा बटालियन जंगल युद्ध में निपुण मानी जाती है और लगातार नक्सल प्रभावित इलाकों में अपनी मौजूदगी बनाए हुए है। फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है और इलाके में अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है।
लुगू और झुमरा पहाड़ नक्सलियों के पुराने ठिकाने
लुगू और झुमरा पहाड़ लंबे समय से नक्सलियों के गढ़ रहे हैं। यहां से कई बड़े नक्सली ऑपरेशन चलाए जाते रहे हैं। ऐसे में इस मुठभेड़ को सुरक्षा बलों की बड़ी रणनीतिक जीत माना जा रहा है। बताते चलें कि आर्म्ड फोर्सेज द्वारा इस साल अकेले छत्तीसगढ़ में 140 से ज्यादा नक्सलियों को मारा गया है।
झारखंड में जारी हैं नक्सली गतिविधियां
इससे पहले भी झारखंड में नक्सली गतिविधियों की वजह से कई बार जवानों की जान जा चुकी है. 12 अप्रैल को चाईबासा में IED ब्लास्ट में झारखंड जगुआर का एक जवान शहीद हो गया था, जबकि एक CRPF जवान घायल हुआ था. रांची रेंज के डीआईजी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया था कि घायल जवान का इलाज जारी है और स्थिति स्थिर है.
इसी महीने की शुरुआत में, झारखंड के जाराइकेला इलाके में भी एक IED धमाका हुआ था, जिसमें 2 CRPF जवान घायल हो गए थे. उन्हें तुरंत एयरलिफ्ट करके रांची लाया गया था. दोनों जवानों की हालत अब स्थिर है.
सर्च ऑपरेशन जारी
झारखंड के घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों की मौजूदगी अब भी एक गंभीर चुनौती बनी हुई है. हालांकि, CRPF और राज्य पुलिस के संयुक्त अभियान ने बीते कुछ समय में कई बड़े नक्सली अड्डों को खत्म किया है और कई इनामी नक्सलियों को ढेर किया गया है.
आज की इस मुठभेड़ में मिली सफलता से सुरक्षाबलों का मनोबल भी ऊंचा हुआ है. इलाके में अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी है. पुलिस का मानना है कि कुछ और नक्सली भागने में सफल हुए होंगे, जिनकी तलाश जारी है.
नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में जुटी सरकार
राज्य सरकार ने हाल ही में नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास और सुरक्षा को लेकर बड़ी योजनाएं शुरू की हैं. CRPF, झारखंड पुलिस और खुफिया एजेंसियों के तालमेल से लगातार कार्रवाई की जा रही है, ताकि आम लोगों को नक्सली आतंक से मुक्त किया जा सके.