CHHATISGARH KARREGUTTA INCIDENT : 32 वर्षीय CRPF के अधिकारी सागर बोराडे को छत्तीसगढ़ में आईईडी ब्लास्ट में अपना पैर गवाना पड़ा।
CHHATISGARH KARREGUTTA INCIDENT : 204 बटालियन कोबरा के असिस्टेंट कमांडेंट सागर बोराडे ने नक्सल के साथ मुठभेड़ में अदम्य साहस का परिचय दिया। छत्तीसगढ़ में चल रहे नक्सल फ्री मूवमेंट अभियान अब तक का सबसे बड़ा अभियान है और जोखिम भरा भी क्यूंकि छत्तीसगढ़ के टॉप नक्सली इसी पहाड़ी में छुपे है।
माननीय गृह मंत्री अमीत शाह ने कुछ दिन पहले CRPF के नीमच की धरती से आह्वाहन किया था की 31 मार्च 2026 तक में देश से नक्सली का नामोनिशान मिटा दिया जायेगा। इसी क्रम में सीआरपीएफ के नेतृत्व में अन्य दूसरे बल के साथ एक बहुत बड़ा अभियान शुरू किया गया और सीआरपीएफ की स्पेशल जंगल युद्ध में महारत हासिल कोबरा बटालियन भी शामिल थी।
CHHATISGARH KARREGUTTA INCIDENT : हिड़मा की तलाश
CHHATISGARH KARREGUTTA INCIDENT : पिछले कई दिन से सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो टॉप नक्सली हिड़मा की मांद करेगुट्टा पहाड़ी (KGH HILLS) को नेस्तनाबूत करने में लगे है। नक्सली ने करेगुट्टा पहाड़ी के हर हिस्से में आईईडी दबा रखी है। कोबरा 204 बटालियन के जाबांज अधिकारी सागर बोराडे गत रविवार को आईडी विस्फोट में घायल जवान को निकालने के क्रम में दूसरे आईईडी ब्लास्ट के चपेट में आ गए जिसमे की ग्राउंड कमांडर सागर बोराडे गंभीर रूप से घायल हो गए।
उन्हें तुरंत हेलीकाप्टर के माध्यम से AIMS दिल्ली ले जाया गया। जहाँ इलाज के दौरान उनका एक पैर काटना पर गया। फ़िलहाल अभी उनकी हालत स्थिर है।
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जाबांज सहायक कमांडेंट सागर बोराडे इस अभियान में जोश से आगे आगे चल रहे थे एवं अपनी टीम का मनोबल बढ़ाये हुए थे। छतीशगढ में चल रहा नक्सल फ्री मूवमेंट अभियान अभी तक का सबसे बड़ा एवं जोखिम वाला अभियान है। यह क्षेत्र इसलिए भी महतवपूर्ण एवं संवेदनशील है की यहाँ पे नक्सली टॉप कमांडर हिड़मा के छुपे होने की खबर है।
इस अभियान ने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है। पिछले कुछ समय से काफी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिए और डर के मारे नए नक्सली भर्ती भी नहीं हो रहे है। अब जो कुछ भी नक्सली बचे है, वो अब अंतिम सांस ले रहे। नक्सली सुरक्षा बल के साथ सीधी लड़ाई से बच रहे तथा आईईडी ब्लास्ट कर छुप छुप के वार कर रहे है। (CHHATISGARH KARREGUTTA INCIDENT)
करेगुटा पहाड़ी को नेस्तनाबूद करने के बाद कोबरा की टीम सर्च अभियान में लगी थी। इस टीम के टीम कमांडर सहायक कमांडेंट सागर बोराडे थे। सर्च अभियान के दौरान एक जब जवान आईईडी ब्लास्ट के चपेट में आ गए। अपनी जान की परवाह किये बिना वो जवान को निकालने के लिए आगे आये। घने जंगल में घायल जवान को निकलना एक बहुत बड़ी चुनौती होती है।
सागर बोराडे अदम्य सहस का परिचय देते हुए और अपनी टीम की सुरक्षा को देखते हुए खुद उस घायल जवान को निकालने का प्रयास किये। इसी दौरान उसका एक पैर आईडी पर आ गया और आईडी ब्लास्ट हो गया। उस जगह बहुत धमाका हुवा और सागर बोराडे गंभीर रूप से घायल हुए जिसे तुरंत नजदीकी के रायपुर अस्पताल में ले जाया गया और उन्हें वहां से बेहतर इलाज के लिए एम्स नई दिल्ली रेफेर कर दिया।
CHHATISGARH KARREGUTTA INCIDENT : बहुत तेज था धमाका
ब्लास्ट इतना गंभीर था की उसका बायां पैर उसी जगह उड़ गया था। इसका संक्रमण रोकने किए लिए पैर को इलाज के दौरान काट के अलग करना पड़ा। सीआरपीएफ अधिकारी का कहना है की अभी हालत स्थिर है, तथा चिकित्सक के निगरानी में है।
करेगुटा पहाड़ी पर अभी भी सर्च अभियान जारी है। छत्तीसगढ़ को नक्सल से मुक्त करने के लिए जवान अपनी जान दाव पर लगाकर तलाशी कर रहे है। इस अभियान की गंभीरता इसी से लगा सकते है की सीआरपीएफ के डीजी महोदय खुद इस अभियान की निगरानी कर रहे है और वो रायपुर भी पहुंचे थे।
इतना ही नहीं इस अभियान पर आईबी एवं पुलिस के उच्च अधिकारी भी नजर बना के रखे है। हेलीकाप्टर का भी प्रयोग किया जा रहा है सर्च अभियान में। यह नक्सल मुक्त अभियान शायद नक्सली के लिए ताबूत का अंतिम कील साबित हो।