CRPF ALL OUT OPERATION : सीआरपीएफ के नेतृत्व में 72 घंटे से जारी ऑपरेशन ‘ऑल आउट’ के तहत बड़ी संख्या में टॉप नक्सलियों के खात्मे की खबर मिल सकती है।
इस ऑपरेशन में सीआरपीएफ की जीडी बटालियन, कोबरा (सीआरपीएफ) के जवान, छत्तीसगढ़ पुलिस की डीआरजी, स्पेशल टॉस्क फोर्स और तेलंगाना पुलिस भी शामिल है।
CRPF ALL OUT OPERATION : छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना बॉर्डर के ‘करेगुट्टा’ पहाड़ी क्षेत्र में सीआरपीएफ के नेतृत्व में 72 घंटे से जारी ऑपरेशन ‘ऑल आउट’ के तहत बड़ी संख्या में टॉप नक्सलियों के खात्मे की खबर मिल सकती है। इस ऑपरेशन में सीआरपीएफ की जीडी बटालियन, कोबरा (सीआरपीएफ) के जवान, छत्तीसगढ़ पुलिस की डीआरजी, स्पेशल टॉस्क फोर्स और तेलंगाना पुलिस भी शामिल है। ड्रोन-हेलीकॉप्टर-मोर्टार से लैस 4000 जवानों ने उस इलाके में नक्सलियों को घेरा हुआ है, जहां चप्पे-चप्पे पर नक्सलियों ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) दबा रखी हैं। इतने बड़े जोखिम के बीच सुरक्षा बलों ने अभी तक आधा दर्जन नक्सलियों को मार गिराया है।
CRPF ALL OUT OPERATION : हिड़मा, देवा सहित कई बड़े नक्सली घिरे
CRPF ALL OUT OPERATION : सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों के टॉप लीडर हिड़मा, देवा व सुधाकर भी सिक्योरिटी र्फोसेज के ट्रैप में आ चुके हैं। नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सीआरपीएफ डीजी खुद रायपुर से इस ऑपरेशन पर नजर रख रहे हैं। इसके अलावा बस्तर के आईजी सुंदरराज पी और सीआरपीएफ के कई अफसर, ‘ऑल आउट’ ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
बता दें कि यह इलाका छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर स्थित है। यहां पर घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच माओवादियों ने अपनी शीर्ष बटालियन का बेस तैयार कर रखा है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लंबे समय से इस बेस पर नजर रखी जा रही थी। नक्सलियों के टॉप लीडर और कमांडर, इस बेस पर आते जाते रहे हैं। यहां से ही सुरक्षा बलों के खिलाफ कई बड़े अभियानों का संचालन किया गया था। सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ इस अभियान को शुरु करने से पहले सीआरपीएफ के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस के बड़े अधिकारियों की बैठक हुई थी। उसी में ‘ऑपरेशन’ ‘ऑल आउट’ का खाका खींचा गया था। सूत्रों का कहना है कि पिछले तीन दिन से सुरक्षा बल इस ‘ऑल आउट’ ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं।
CRPF ALL OUT OPERATION : नक्सली का बचना मुश्किल
सुरक्षा बलों को आगे बढ़ने के लिए बहुत संभल कर कदम रखना पड़ रहा है। वजह, नक्सलियों ने घने जंगल में पहाड़ पर आईईडी का जाल बिछा रखा है। नक्सलियों की सही लोकेशन का पता लगाने के लिए तकनीकी उपकरणों की मदद ली जा रही है। ड्रोन और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। जहां पर लगता है कि भारी संख्या में नक्सली, फायरिंग कर रहे हैं तो वहां पर मोर्टार से जवाब दिया जाता है।
इस ऑपरेशन में लगभग तीन सौ नक्सलियों के घिरे होने की संभावना है। सुरक्षा बलों ने चारों तरफ से पहाड़ी को घेर रखा है। इतना ही नहीं, सुरक्षा बलों ने करीब दस किलोमीटर के क्षेत्र में जाल बिछाया है। अगर, मुठभेड़ स्थल से कोई नक्सली बच कर निकलता है तो उसे रास्ते में खत्म कर दिया जाएगा।
फोर्स को इनपुट मिला हुआ है कि नक्सलियों का मिलिट्री कमिशन प्रमुख हिडमा भी इस इलाके में मौजूद है. करीब 2500 जवानों ने पहाड़ी को हर तरफ से घेर रखा है. पिछले 72 घंटों से यह मुठभेड़ चल रही है.
नक्सलियों का सेंट्रल कमेटी मेंबर हिडमा, देवा और कई बड़े नक्सली लीडर घिरे हुए हैं. नक्सलियों ने पूरे पहाड़ी में प्रेशर आईईडी लगा रखा है. प्रेशर आईईडी को डीमाइन करके फोर्स आगे बढ़ रही है. MI 17 हेलिकॉप्टर से लेकर एंबुलेंस और ALM तक तैनात किए गए हैं.
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