CRPF JAWAN SHAHEED : मुंगेर में CRPF जवान सदानंद सिंह का उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनके परिजनों और पूरे गांववालों की आंखें नम हो गईं। दरअसल, पश्चिम बंगाल में ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया था।
देश सेवा में समर्पित केंद्रीय अर्धसैनिक बल (सीआरपीएफ) के जवान सदानंद सिंह का पार्थिव शरीर जब शनिवार की सुबह उनके पैतृक गांव दरियापुर पहुंचा, तो गांव की फिजा गमगीन हो उठी। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक (ASI) सदानंद सिंह का निधन गुरुवार को ड्यूटी के दौरान अचानक हुए हृदयाघात से हो गया था। शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ लालदरवाजा घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
मुंगेर. सदर प्रखंड के दरियारपुर निवासी 55 वर्षीय सदानंद सिंह की मौत गुरुवार की शाम ड्यूटी के दौरान पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में हार्ट अटैक से हो गयी थी. शनिवार को मुंगेर के लालदरवाजा श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. जवान को उनके बड़े पुत्र ने मुखाग्नि दी. इस दौरान श्मशान घाट पर तैनात सभी जवानों की आंखें नम हो गयी.
CRPF JAWAN SHAHEED : सैनिक सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
सीआरपीएफ के विशेष वाहन में जब जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो उनके साथ दो उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी और करीब एक दर्जन जवान भी मौजूद थे। जैसे ही गांववालों को अपने लाल के आगमन की सूचना मिली, वैसे ही बड़ी संख्या में लोग उनके घर पर उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंच गए। गांव की मिट्टी से जुड़ा यह जवान अब शांति की नींद सो गया, लेकिन उसके जाने की टीस हर आंख में साफ झलक रही थी।
मृत जवान का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा सीआरपीएफ जवानों के साथ शनिवार की अहले सुबह वाहन से उनके पैतृक गांव दरियारपुर पहुंचा. शव पहुंचते ही पूरा गांव गमगीन हो गया. मृतक की पत्नी शालिनी देवी अपने पति के पार्थिव शरीर से लिपट कर दहाड़ मार कर रोने लगी. परिजनों के आंसू भी थमने का नाम नहीं ले रहे थे.
CRPF JAWAN SHAHEED : अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
जानकारी के मुताबिक, शनिवार दोपहर एक बजे दरियापुर से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें पूरा गांव उमड़ पड़ा, जो गार्डेन बाजार स्थित उनके ससुराल भी पहुंची। वहां ससुराल पक्ष के लोगों ने भी भावुक विदाई दी। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण, समाजसेवी और स्थानीय प्रतिनिधि शामिल हुए। लोगों ने नम आंखों से अपने प्रिय जवान को अंतिम विदाई दी।
रास्ते भर जब तक सूरज चांद रहेगा, सदानंद आपका नाम रहेगा, भारत माता की जय के लोग नारे लगा रहे थे. लालदरवाजा श्मशान घाट पर जब शव पहुंचा तो जमुई से सीआरपीएफ कमांडेंट जीतेंद्र सिंह के नेतृत्व में पहुंची जवानों की टुकड़ी ने मृत जवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. जिसके बाद मृत के शरीर से तिरंगा उठाया गया और उसे फोल्ड कर मृतक के तीनों बेटों को संयुक्त रूप से सौंप दिया.
मृतक के बड़े भाई किशोर सिंह, मंझले भाई सुभाष सिंह, बड़ा बेटा आनंद सिंह, मंझला बेटा केशव सिंह, छोटा बेटा अनुशील सिंह की आंखों से लगातार आंसू निकल रहे थे.
CRPF JAWAN SHAHEED : 1991 में हुई थी सीआरपीएफ में नियुक्ति
सदानंद सिंह, दरियापुर निवासी दिवंगत दीपनारायण सिंह के पुत्र थे। उनकी सीआरपीएफ में नियुक्ति वर्ष 1991 में कांस्टेबल के रूप में हुई थी। लंबे सेवाकाल में उन्होंने देश की सेवा निष्ठा और ईमानदारी से की। वर्ष 1996 में उनका विवाह हुआ था। उनके तीन पुत्र हैं, जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं। सदानंद के असमय निधन से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनकी पत्नी और बच्चों की हालत बेहद दयनीय है।
SOURCE – DAINIK BHASKAR