CRPF : सीआरपीएफ महिला आईजी, फंड के कथित दुरुपयोग और शेयर बाजार में निवेश के लिए जांच के दायरे में
वर्त्तमान में प्रतिनियुक्ति पर CRPF में महानिरीक्षक (IG) के पद पर कार्यरत एक वरिष्ठ महिला आइपीएस अधिकारी पर वित्तिय कदाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। CRPF मुख्यालय में प्रसारित एक विस्तृत शिकायत में अधिकारी पर जम्मू-कश्मीर में अपने कार्यकाल के दौरान गुप्त निधियों का दुरुपयोग़ करने और राशन खरीद में हेरा फेरी करके शेयर बाजार में भारी निवेश करने का आरोप लगाया गया है।

क्या है मामला ?
सूत्रों के अनुसार, सात पन्ऩों की शिकायत, जो कई अधिकारियों तक पहुँच चुकी है, में आरोप लगाया है की अधिकारी ने एक शेल कंपनी के माध्यम से स्टॉक और म्यूचल फंड में लगभग 4 करोड रुपये का निवेश किया गया| इसमे दावा किया गया है की उसने दिसंबर 2018 में बेंगलुरु में एक फर्जी फर्म ” एमएस डिवाइस अर्थ” बनाई, जिसमे सैलून सेवाओं, ज्योतिष परामर्श, बैलेट पार्किंग और जूता चमकाने जैसी विचित्र व्यावसायिक गतिविधियों को सूचीबद्ध किया गया था। अपने कथित उच्च राजस्व के बावजूद, कंपनी के पास पंजीकृत कार्यालय या गोदाम नही है।
शिकायत के मुताबिक, दो नजदीकी रिश्तेदार इस कंपनी को चला रही हैं। वे आपस में बहन बताई गई हैं। खास बात है कि दोनों बहनों में से एक बहन, उक्त महिला अधिकारी पर निर्भर है। दोनों ने मिलकर लगभग एक करोड़ चालीस लाख रुपये लगाए। दूसरी बहन की आय का स्त्रोत क्या है। ये पता नहीं चल सका है। कंपनी में दोनों बहनों का शेयर होल्डर बीस प्रतिशत है। इसका मतलब शेल कंपनी में उक्त महिला अधिकारी लाभकारी डायरेक्टर है। यह अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968, के खिलाफ है। कोई भी सरकारी अधिकारी, लाभ का पद नहीं ले सकता।
शिकायत में कहा गया है कि यह कंपनी, खुद को नुकसान में भी दिखाती है। वजह, ये धन शोधन कंपनी है। इसका न कॉरपोरेट आफिस है, न गोदाम है और न ही कोई रजिस्ट्रड एड्रेस है। 2022-23 का असेसमेंट ईयर आईटीआर जुलाई 2022 में फाइल किया गया है। इसमें लांग टर्म केपिटल गेन 31 लाख रुपये दिखाया है। लगभग 42 लाख रुपये के शेयर खरीदे गए, जिन्हें करीब 73 लाख रुपये में बेच दिया गया। शिकायत में लिखा है कि ऐसा लाभ कमाने वाली वे एकमात्र अधिकारी होंगी। पहले ही वर्ष में इतना कमा लेना आसान नहीं होता। ये काले धन को सफेद बनाने का एक तरीका है।
शिकायत के मुताबिक, इन सभी का स्त्रोत कहां है, क्या है, ये किसी को नहीं पता। इसके बाद 2023-24 में लगभग 54 लाख रुपये के शेयर खरीदे गए, जिन्हें उसी वर्ष में करीब 61 लाख रुपये में बेच दिया गया। ये सब जानकारी आईटीआर में दी गई है। बाकायदा पेन नंबर भी लिखा है। शिकायत के अनुसार, 2023-24 में स्टेट बैंक में 35 लाख रुपये की एफडी कराई गई। दो लाख रुपये से ज्यादा ब्याज मिला। तीन बैंकों के साथ लेन देन बताया गया है। वित्त वर्ष 2021-22 से लेकर 2023-24 तक कुल 4 करोड़ रुपये शेयरों में निवेश किए गए। इसके अलावा 35 लाख रुपये की एफडी भी थी। यह सब, उक्त महिला आईपीएस के तय वेतन से बहुत ज्यादा था। करीब 99 लाख रुपये शेल कंपनी में निवेश होने का आरोप है।
शिकायत में वित्तीय लेन देन का विवरण भी दिया गया है, जिसमे 2020-21 में CRPF के गुप्त सेवा फंड का उपयोग करके म्यूचल फंड में 40 लाख रुपये का निवेश शामिल है, जिसमें 4 लाख रुपये का लाभांश प्राप्त हुआ, जिसे बाद में उनके कर रिर्टन में ” अन्य स्त्रोतों से आय” के रूप में दिखाया गया। इसमें अघोषित संपति संचय की ओर भी इशारा किया गया है, जिसमें अधिकारी ने कथित तौर पर बड़े निवेश किए हैं, जो उनके प्राप्त वेतन से कहीं अधिक है।
विवाद को और बढाते हुए अधिकारी ने कथित तौर पर CRPF मुख्यालय से मंजूरी लिए बिना” लव यू जिंदगी” नामक एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया, जिससे फंड कुप्रबंधन के बारे में चिंताएं बढ़ गई। इस कोर्स में कई लेक्चरार को बुलाया गया। यहां पर फंड के दुरुपयोग के आरोप लगे। सिविक एक्शन फंड में दुरुपयोग की बात कही गई है। शिकायत के मुताबिक, सर्विस और ट्रेनिंग के लिए सामान वहीं से खरीदा जाता था, जहां से मैडम कहती थी। आईटीआर की कॉपी से सभी आरोपों का मिलान किया जा सकता है। कथित धन शोधन कंपनी की वित्तीय स्टेटमेंट की जांच की जा सकती है।
शिकायत विस्तृत होने के बावजूद, इसकी गुमनाम प्रकृति इसकी विश्वसनियता पर सवाल उठाती हैं, सरकारी नियमों के अनुसार, गुमनाम शिकायतों को अक्सर बिना जांच के खारिज कर दिया जाता है।हालांकि, अगर यह सच साबित होता है तो, यह आरोप CRPF के भीतर सबसे बड़े वित्तिय घोटाला मे से एक बन सकता है, जिसके लिए अधिकारियों के वित्तिय रिकार्ड और संदिग्ध शेल कंपनी के लेन देन की तत्काल जांच की आवश्यकता हैं।
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