CRPF SCAM : अब महिला आईपीएस अधिकारी पे लगे गंभीर आरोपों की विभागीय जांच शुरू!

CRPF SCAM : पिछले दिनों संजीव कुमार डीआईजी कोबरा रेंज को नॉर्थ ईस्ट में अंडर कमांड ट्रांसफर किया गया है। बृजेश सिंह डीआईजी बोकारो रेंज को राजस्थान में अंडर कमांड ट्रांसफर किया गया है। नरेंद्र कुमार, सीनियर सीओ रेपिड एक्शन फोर्स बटालियन मेरठ, को भी नॉर्थ ईस्ट में अंडर कमांड ट्रांसफर मिला है। सोमनाथ महाराणा सीनियर सीओ असम बटालियन को हैदराबाद में अंडर कमांड ट्रांसफर दिया गया है।

CRPF SCAM : देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीआरपीएफ’ में प्रतिनियुक्ति पर तैनात रहीं महिला आईपीएस आईजी को सात वर्ष के बाद उनके मूल कैडर में वापस भेजने के आदेश जारी किए गए हैं। सीआरपीएफ हेडक्वार्टर में डीआईजी (पर्स) द्वारा 27 मार्च को यह आदेश जारी किया गया है। इसके साथ ही महिला आईपीएस को विदेश यात्रा के लिए साठ दिन का अवकाश भी मिल गया है। यह अवकाश 29 मार्च से प्रारंभ होगा। सूत्रों ने बताया कि महिला आईपीएस के ख़िलाफ़ विभागीय जांच शुरू हो गई है। अधिकारी से उनका पक्ष रखने के लिए कहा गया है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।

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पिछले दिनों महिला आईपीएस के खिलाफ सीवीसी और फोर्स हेडक्वार्टर को बिना नाम से कथित तौर पर कई शिकायतें मिली थीं। उनमें सनसनीखेज खुलासे हुए थे। सोशल मीडिया के जरिए महिला आईपीएस के खिलाफ शिकायतों की फेहरिस्त शीर्ष अफसरों तक पहुंची। सीआरपीएफ के शीर्ष नेतृत्व ने भी माना है कि उनके ध्यान में शिकायत है। सीवीसी के नियमानुसार, मामले की जांच हो रही है। आरोपी अधिकारी से जवाब मांगा गया है। शिकायत में महिला आईपीएस के कार्यकाल के दौरान राशन खरीद में अनियमित्तताएं बरती गई, सीक्रेट फंड का दुरुपयोग कर वह पैसा शेयर मार्केट में लगाना और ‘टैक्स हेवन’ देशों में मुखौटा कंपनियों से लिंक आदि आरोप देखने को मिले हैं।

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CRPF SCAM :  क्या है मामला ?

सीआरपीएफ में बतौर प्रतिनियुक्ति पर सात वर्ष तक तैनात रहीं महिला आईपीएस (तेलंगाना कैडर 1996) को उनके मूल कैडर में वापस भेजने के जो आदेश जारी हुए हैं, उनके तहत वे एक अप्रैल 2025 को 12 बजे से रिलीव मानी जाएंगी। आदेशों के अनुसार, उन्होंने 2 अप्रैल 2018 को सीआरपीएफ में पांच वर्ष के लिए बतौर प्रतिनियुक्ति ज्वाइन किया था। इसके बाद एक अप्रैल 2023 से एक अप्रैल 2025 तक के लिए उनका  कार्यकाल बढ़ा दिया गया। उनकी छुट्टी भी मंजूर कर दी गई। वे एक अप्रैल से 30 मई तक अवकाश पर रहेंगी। दो जून को वे प्रतिनियुक्ति से वापस अपने मूल कैडर ‘तेलंगाना’ में ज्वाइन करेंगी।

पिछले दिनों संजीव कुमार डीआईजी कोबरा रेंज को नॉर्थ ईस्ट में अंडर कमांड ट्रांसफर किया गया है। बृजेश सिंह डीआईजी बोकारो रेंज को राजस्थान में अंडर कमांड ट्रांसफर किया गया है। नरेंद्र कुमार, सीनियर सीओ रेपिड एक्शन फोर्स बटालियन मेरठ, को भी नॉर्थ ईस्ट में अंडर कमांड ट्रांसफर मिला है। सोमनाथ महाराणा सीनियर सीओ असम बटालियन को हैदराबाद में अंडर कमांड ट्रांसफर दिया गया है।

राजा हैदर सीनियर सीओ रेपिड एक्शन फोर्स बटालियन मुंबई को बंगलुरु में अंडर कमांड ट्रांसफर मिला है। इन कैडर अफसरों पर बिना नाम से शिकायतें मिली थीं। कुछ शिकायतों में इनकी प्रत्यक्ष भागीदारी नहीं मिली। कैडर अधिकारियों का कहना था कि कार्रवाई में भेदभाव किया जा रहा है। महिला आईपीएस अधिकारी पर कथित 14 करोड़ रुपये के घोटाले का सनसनीखेज मामला सामने आया था। इसमें सीक्रेट फंड का दुरुपयोग, जम्मू कश्मीर से सीआरपीएफ की गाड़ियों में निजी कार्य के लिए तेलंगाना तक लकड़ी पहुंचाना और शैल कंपनियों के साथ जुड़ाव, कई आरोप शामिल हैं।

इन सबके बावजूद उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई। उन्हें सात वर्ष के बाद मूल कैडर में भेज दिया गया। विदेश यात्रा के लिए उनकी साठ दिन की छुट्टी स्वीकृत कर दी गई। दूसरी ओर सूत्र बताते हैं कि महिला अफसर के खिलाफ कार्रवाई हो रही है।

बता दें कि पहली शिकायत में लिखा था, महिला आईपीएस आईजी ने किस तरह से जम्मू कश्मीर में अपनी तैनाती के दौरान सीआरपीएफ में राशन खरीद के जरिए और सीक्रेट फंड का दुरुपयोग कर शेयर मार्केट में पैसा लगाया है। इस मामले की कड़ियां, कथित तौर पर ‘टैक्स हेवन’ देश सिंगापुर से जुड़ती हुई नजर आई। सीआरपीएफ की महिला आईपीएस आईजी का लिंक, कथित 14 मुखौटा कंपनियों के साथ बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, सीआरपीएफ मुख्यालय ने अपनी महिला आईपीएस आईजी पर मेहरबानी दिखाई है। आईपीएस आईजी को ‘टैक्स हेवन’ देश पुर्तगाल में ‘आध्यात्मिक शरण’ में जाने के लिए छुट्टी दे दी गई। यह मामला सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आया था।

SOURCE – AMAR UJALA

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