PAHALGAM TERROR ATTACK : बैसरन घटनास्थल पर सबसे पहले पहुँची CRPF, यूँ संभाला मोर्चा?

PAHALGAM TERROR ATTACK: अधिकारियों ने बताया कि शव बिखरे पड़े थे एक शव घास के मैदान के गेट के पास मिला जबकि एक स्थान पर तीन या चार शवों के ढेर लगे हुए थे। उन्होंने बताया कि घायलों में से एक की मौत हो गई जबकि अन्य दो बच गए और उन्हें पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

PAHALGAM TERROR  ATTACK: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण नरसंहार के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) कमांडो की त्वरित कार्रवाई टीम (QAT) सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाली टीम थी. पहले खबर थी कि पुलिस सबस पहले पहुंची. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जब टीम बैसरन पहुंची तो देखा कि वहां बड़ी संख्या में पर्यटक थे और तीन लोग गोली लगने के कारण घायल अवस्था में पड़े थे.

CRPF की 116 बटालियन की डेल्टा कंपनी का आधार शिविर घटनास्थल के सबसे निकट स्थित सुरक्षा शिविर है. यह बैसरन से लगभग चार से पांच किलोमीटर दूर है, जहां 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. CRPF बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर (CO) राजेश कुमार शिविर से बाहर जा रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि कई खच्चरवाले और कुछ पर्यटक तेजी से ऊंचाई वाले स्थान से नीचे उतर रहे हैं. इसके बाद कुमार ने उन्हें रोका और पूछा कि क्या हुआ है.

PAHALGAM TERROR ATTACK

अधिकारियों ने बताया कि खच्चर वालों ने कहा, ‘‘साहब, ऊपर बैसरन में कुछ हुआ है…शायद गोलियां चली हैं.’’ CO ने तुरंत पास में तैनात अपनी QAT को जानकारी दी और लगभग 25 कमांडो की एक टीम कीचड़ और पथरीले रास्ते को पार करके 40-45 मिनट में घटनास्थल पर पहुंची. अधिकारियों ने बताया कि सैनिक ऊपर चढ़ते समय काफी सावधान थे, क्योंकि ऊपर से आतंकवादियों द्वारा गोलीबारी करने या ग्रेनेड फेंकने की काफी आशंका थी.

PAHALGAM TERROR ATTACK  : CRPF ने क्या-क्या किया?

उन्होंने बताया कि इस बीच CRPF की स्थानीय इकाई ने पहलगाम शहर के चारों ओर चौकियां स्थापित कर दी हैं और घटनास्थल के निकट स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी. अधिकारियों ने बताया कि डेल्टा यूनिट की कंपनी कमांडर, सहायक कमांडेंट राशि सिकरवार भी टीम में शामिल हो गईं और CO ने उन्हें महिलाओं व बच्चों की देखभाल करने का काम सौंपा, क्योंकि उनमें से कई घायल थे, चीख रहे थे और डरे हुए थे.

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CRPF की इकाई उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन अपराह्न करीब 2:30 बजे बैसरन पहुंची तो यह देखकर ‘‘हैरान’’ रह गई कि गोली लगने से घायल तीन लोग जमीन पर पड़े थे और कुछ महिलाएं, बच्चे व पुरुष अलग-अलग स्थानों पर छिपे हुए थे. CRPF की टीम ने घायलों को बचाया तथा हमलावरों की तलाश के लिए क्षेत्र की थोड़ी तलाशी भी ली, क्योंकि ‘‘उन्हें आभास हो चुका था कि आतंकवादी हमला हुआ है.’’

PAHALGAM TERROR ATTACK  : CRPF के पहुंचने के बाद पहुंची जम्मू पुलिस

तब तक जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्थानीय थाना प्रभारी घटनास्थल पर पहुंच चुके थे और दोनों बलों ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए. अधिकारियों ने बताया कि शव बिखरे पड़े थे, एक शव घास के मैदान के गेट के पास मिला, जबकि एक स्थान पर तीन या चार शवों के ढेर लगे हुए थे. उन्होंने बताया कि घायलों में से एक की मौत हो गई, जबकि अन्य दो बच गए और उन्हें पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

अधिकारियों ने बताया कि करीब 30 से 40 पर्यटकों को डेल्टा कंपनी के मेस में ठहराया गया और उन्हें भोजन व पानी मुहैया कराया गया. एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि CRPF डेल्टा कंपनी की सभी इकाइयां स्थानीय पुलिस समेत पूरे क्षेत्र में तैनात हैं, तथा आधार शिविर पर आमतौर पर केवल एक प्लाटून (लगभग 22 से 24 कर्मी) ही उपलब्ध होती है.

उन्होंने बताया कि घटनास्थल से थोड़ी दूरी पर राष्ट्रीय राइफल्स (RR) की तीसरी बटालियन की एक इकाई है. इन बलों को कश्मीर घाटी के कई अन्य पर्यटक स्थलों की तरह बैसरन की सुरक्षा के लिए तैनात नहीं किया जाता. अधिकारी ने कहा कि मई या जून के अंत में वार्षिक अमरनाथ यात्रा से पहले अतिरिक्त सैनिक आने पर घाटी के ऊपरी इलाकों और घने जंगलों की नियमित गश्त और तैनाती के जरिए सुरक्षा की जाती है.

उन्होंने बताया कि पुलिस, अर्धसैनिक बल और सेना समेत सुरक्षा बलों को हमले के मद्देनजर अभियान तेज करने और ‘‘कड़ी सतर्कता’’ बरतने को कहा गया है. यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा हमला है, जिसमें CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे.

 

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