INCOME TAX NOTICE : क्या आपको भी आया है income Tax Notice? क्या करें अब!

INCOME TAX NOTICE : नौकरीपेशा लोगों को आते है, इन सात तरह के Income Tax Notice, जानिए क्या होता है आपके सामने विकल्प ?

INCOME TAX NOTICE : अगर फाइल किए गए इनकम टैक्स रिर्टन (Income Tax Return) में कोई गलती पाई जाती है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजता है। गलती और नोटिस के बारे में आपकी कार्रवाई के आधार  पर, टैक्स डिपार्टमेंट आपके खिलाफ कार्यवाही शुरू करता है। इसलिए, उन परिस्तिथियों को समझऩा जरूरी है जिनके तहत आपको इनकम टैक्स नोटिस भेजा जा सकता है और नोटिस भेजने की वजह को समझना भी उतना ही जरूरी है। इससे आपको ऐसा नोटिस मिलने पर उनका जवाब देने में मदद मिलेगी।

INCOME TAX NOTICE : इनकम टैक्स रिर्टन (Income Tax Return) फाइल करने के बाद कई बार लोंगो को आयकर विभाग की तरफ से कुछ तरह के नोटिस आते हैं। आयकर विभाग 7 तरह के अलग-अलग नोटिस भेज सकता है। यह सारे नोटिस (Notice) आयकर अधिनियम के अलग अलग सेक्शन के तहत भेजे जाते हैं। हर नोटिस का जवाब देने के लिए अलग अलग समय दिया जाता है। आइए जानते हैं, नौकरीपेशा लोंगो को आयकर विभाग की तरफ से भेज जाने वाले इन सात इनकम टैक्स नोटिस के बारे मे।

INCOME TAX NOTICE : सर्वप्रथम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से नोटिस आया या नही ये कैसे पता चलेगा?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस आपको तीन माध्यम से भेज सकता है। आप अपने इनकम टैक्स रिर्टन (Income Tax Return) में अपना प्रोफाइल अपडेट कर ले जैसे की आपका घर का पता ( आधार कार्ड के अनुसार), मोबाइल नम्बर और ईमेल आईडी। आपको Notice का पता इन तीन माध्यम से चलेगा।  इसके लिए आपको मैसेज या ई मेल पर मेल या घर के पते पर पत्र आ सकता है। इसके लिए आप अपना ITR के प्रोफाइल का अपडेट रखे।

INCOME TAX NOTICE : इनकम टैक्स नोटिस जो की नौकरीपेशा लोंगो को आ सकता है –

INCOME TAX NOTICE

1. Section 143(1)(a) tax notice :-

इस टैक्स नोटिस को इंटिमेशन नोटिस (Intimation Under Section 143(1) of income Tax Act) कहा जाता है और यह तब भेजा जाता हैं जब टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर के जमा किए गए ITR को सफलतापूर्वक प्रोसेस कर लिया हो। यह इंटिमेशन नोटिस यह बतायेगा कि ITR में सबमिट की गई कैलकुलेशन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा स्वीकार की गई है या नही। अगर रिर्टन में अपकी फाइल की गई कैलकुलेशन और टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा की गई कैल कुलेशन के बीच कोई अंतर है, तो इसका कारण भी इंटिमेशन नोटिस में बताया जायेगा।

143(1) मिसमैच इंटिमेशन नोटिस मिलने के पीछे संभावित कारण : ऐसे इंटिमेशन सेक्शन 139(1)/139(5) के तहत फाइल ITR के साथ साथ सेक्शन 142 के तहत जारी नोटिस के जवाब में फाइल किए ITR के मामले में जारी किये जा सकते हैं। टैक्सपेयर्स द्वारा फाइल ITR और सेक्सन 143(1) के मुताबिक कैलकुलेट की गई इनकम के बीच अंतर, Arithmetical errors , किसी भी गलत क्लेम, सेक्शन 234/A/B/C के तहत ब्याज की गलत कैलकुलेशन, फॉर्म 26AS से तुलना करने पर टैक्स रिर्टन डिटेल का मैच न होना, आदि वजहों से किसी टैक्सपेयर्स को मिसमैच इंटिमेशन नोटिस मिल सकता है।

ऐसे नोटिस का जवाब देने की समय सीमा : आपको केवल तभी कार्रवाई करने की आवश्यकता है जब आपके ITR कैलकुलेशन और टैक्स डिपार्टमेंट की कैलकुलेशन के बीच कोई अंतर हो। यदि इंटिमेशन नोटिस रिफंड की वजह से जारी किया गया है या आपके ITR कैलकुलेशन और टैक्स डिपार्टमेंट के बीच कोई मिसमैच नहीं है, तो आपको इंटिमेशन का जवाब देने की जरूरत नहीं हैं। टैक्सपेयर्स को सेक्शन 143(1)(a) के तहत इंटिमेशन मिलने पर उसके जारी होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर अपना जवाब फाइल करना होता है।

2. सेक्शन 139(9) डिफेक्टिव ITR नोटिस (Defective Notice Under Section 139 (9)) :

आपने जो ITR फाइल किया है, उसमें दी गई अधूरी जानकारी या गलत जानकारी की वजह से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) आपको सेक्शन 139(9) के तहत यह नोटिस भेज सकता है। ITR को कई वजहों से दोषपूर्ण यानि डिफेक्टिव माना जा सकता है। उदाहरण के लिए ITR फाइल करने के लिए गलत ITR फॉर्म का इस्तेमाल करना।

डिफेक्टिव ITR नोटिस (Defective Return Notice) मिलने के कुछ सामान्य कारणों में शामिल है : ITR में HRA क्लेम करना लेकिन सैलरी के ब्रेकअप में कोई HRA कंपोनेंट का न होना, ITR फाइल करते समय इनकम पर TDS क्लेम करना लेकिन संबंधित इनकम की सूचना न देना। उदाहरण के तौर पर, ITR में FD के इंटरेस्ट को डिक्लेयर न करना, लेकिन FD पर काटे गए TDS को क्लेम करना।

डिफेक्टिव ITR नोटिस कब तक जारी किया जा सकता है?

यह नोटिस उस फाइनेंशियल इयर के अंत से नौ महीने के भीतर जारी किया जा सकता है जिससे ITR फाइल किया गया है। जैसे फाइनेंशियल इयर 2023-24 के लिए फाइल किए गए ITR के लिए, डिफेक्टिव ITR नोटिस 31 दिसंबर 2025 को या उससे पहले जारी किया जा सकता है।

डिफेक्टिव ITR नोटिस का जवाब देने की समयसीमा : यदि आपका रिर्टन डिफेक्टिव पाया जाता है तो, आपको नोटिस मिलने की तारीख से 15 दिन का समय मिलेगा या आपके फाइल रिटर्न में डिफेक्ट को ठीक करने के लिए नोटिस में दी गई समय सीमा मिलेगी। आप उसके एक्सटेंशन के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं।

3. सेक्शन 142(1) टैक्स नोटिस (Notice under Section 142(1) of Income Tax act)

इस टैक्स नोटिस को असेसमेंट नोटिस (Notice under Assessment or Reassessment) से पहले पूछताछ के तौर पर भी जाना जाता है। यदि सेक्शन  139(1) के तहत कोई ITR फाइल नही किया गया है, तो सेक्शन 142(1) के तहत उस व्यक्ति को ITR फाइल करने के लिए नोटिस जारी किया जा सकता है।

इस नोटिस के पीछे के संभावित कारण : इस नोटिस को जारी करने के पीछे वजह यह है कि टैक्स डिपार्टमेंट इस बारे में स्पष्टीकरण चाहता है कि आपने बुनियादी छूट सीमा से ऊपर इनकम के सबूत होने के बावजूद ITR क्यों फाइल नही किया । आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के द्वारा पूछे गए सभी सवालों का जवाब देना होगा और अपने जमा किए गये ITR में किए गए दावों को सपोर्ट करने लिए जरूरी डिटेल और डॉक्यूमेंट प्रस्तुत करना होगा। ऐसे नोटिस को जारी करने की कोई समय सीमा नहीं है।

नोटिस का जवाब देने की समय सीमा  : टैक्सपेयर्स को नोटिस में दी गई समय सीमा के भीतर नोटिस का जवाब देना होगा जो आम तौर पर 15 दिन की होती है।

4. सेक्शन  143(2) [Section 143(2)] :

इस नोटिस को स्क्रूटनी असेसमेंट नोटिस(Scrutiny assessment notice) के तौर पर जाना जाता है। यह नोटिस तब भेजा जाता है जब’ टैक्स डिपार्टमेंट जमा किए  ITR का डिटेल असेसमेंट करना चाहता है और आपके द्वारा किए गए सभी दावों( आय और कटौती) की वास्तविकता की पुष्टि करना चाहता है।

इस नोटिस के पीछे संभावित कारण : सेक्शन 143(3) के तहत स्क्रूटनी असेंसमेंट  करने के मकसद से टैक्सपेयर को सेक्शन 143(2) के तहत नोटिस जारी किया जा सकता है। स्क्रूटनी असेसमेंट एक डिटेल असेसमेंट है जो टैक्सपेयर द्धारा प्रस्तुत ITR में किए गए विभिन्न दावों, कटौतियों आदि की वास्तविकता की पुष्टि करने के लिए किया जाता है।

जवाब देने की समय सीमा : आमतौर पर ऐसे नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है, हालांकि, ऐसे नोटिस का जवाब देने की समय सीमा नोटिस में ही दी गई होती है। यह नोटिस मिलने पर आपको आवश्यक डॉक्यूमेंट अपलोड करके जवाब सबमिट करना है।

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5. सेक्शन 148 [Section 148] : जब कोई ऐसी इनकम (Income) होती है जो मूल्यांकन (assessment) से बच जाती है, तब यह नोटिस भेजा जाता है। यह नोटिस तब जारी किया जाता है जब मूल्यांकन अधिकारी (Assessment officer – AO) के पास कोई ऐसा सबूत होता है जो कि टैक्सपेयर की आय पिछले साल मूल्यांकन से बच गई है। टैक्स डिपार्टमेंट 148A (b) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करने से पहले सेक्शन 148 के तहत नोटिस जारी करता है ताकि पूछा जा सके ताकि इस मामले को दोबारा असेसमेंट (show-cause) के लिए क्यों नही चुना जाना चाहिए।

टैक्सपेयर्स से रिस्पॉन्स मिलने के बाद या यदि टैक्सपेयर्स से कोई रिस्पांस नही मिलता है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) सेक्शन 148A (d) के तहत अपना आदेश पारित करता है, यह बताते हुए की यह रीअसेसमेंट के लिए उपयुक्त मामला है या नही।

ऐसे नोटिस कब तक जारी किया जा सकता है : सेक्शन 148 के तहत नोटिस संबंधित असेसमेंट ईयर की समाप्ति से 3 साल 3 महिने के भीतर जारी किया जा सकता है, यदि असेसमेंट से बच गई इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है हलांकि, यदि असेसमेंट से बच गई है इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा है, तो संबंधित असेसमेंट ईयर (relevant assessment year) के लिए 5 साल 3 महीने तक दोबारा असेसमेंट (assessment) किया जा सकता है।

जवाब देने की समय सीमा : टैक्सपेयर्स को नोटिस में दी गई समय सीमा के भीतर नोटिस का जवाब देना होता है जो आमतौर पर 30 दिन होती है।

6. सेक्शन 245 [Section 245] : इस सेक्शन के तहत, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) पिछले साल के किसी भी बकाया टैक्स के लिए मौजूदा वर्ष से इनकम टैक्स रिफंड की भरपाई कर सकता है। यह एडजस्टमेंट सिर्फ तभी किया जाता है जब चालू वर्ष में इनकम टैक्स बकाया या टैक्स रिफंड बकाया हो।

इस नोटिस के पीछे संभावित कारण : यदि आपके पास पिछले साल का कोई बकाया टैक्स है जिसका आपने सेटलमेंट या पेमेंट नही किया है, तो अपको यह नोटिस भेजा जा सकता है।

यह नोटिस कब जारी किया जा सकता है : इस नोटिस को भेजने की कोई समय सीमा (time limit) नहीं है।

जवाब देने की समय सीमा  : इंटिमेशन नोटिस में समय सीमा दी गई होती है, जो आम तौर पर 30 दिन होती है। यदि आपको इस नोटिस पर कोई आपत्ति है, या आपने पहले ही बकाया टैक्स राशि का भुगतान कर दिया है तो अपने जवाब में टैक्स पेमेंट का सबूत भी दे।

7. सेक्शन 154 [Section 154] : अगर आपका आईटीआर (ITR) प्रोसेस हो जाने के बाद आयकर विभाग की तरफ से स्वीकार हो जाता है और फिर उसके बाद कोई गलती सामने आती है, तो सेक्शन 154 के तहत नोटिस आ सकता है। आमतौर पर यह नोटिस आईटीआर (ITR) फाइल करने के 4 साल के भीतर भेजा जाता है और आपसे उस गलती को ठीक करने के लिए कहा जाता है।

Source : ndtv.in

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