CRPF Day : CRPF के कोबरा कमांडो जिसको देख के नक्सली भी थर्राती है, जिसका भय पूरे नक्सली के बीच है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने सीआरपीएफ के 2264 कर्मियों द्वारा देश की सुरक्षा के लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए उन्हें कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि दी।
CRPF Day : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, गुरुवार को मध्य प्रदेश के नीमच में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल ‘सीआरपीएफ‘ दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। ‘सीआरपीएफ’ के 86वें स्थापना दिवस की परेड में उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के जवानों ने हमेशा देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। देश में जब भी कहीं अशांति होती है और वहां सीआरपीएफ जवान उपस्थित होते हैं तो मुझे यह भरोसा होता है कि सीआरपीएफ मौजूद है तो विजय सुनिश्चित है। सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन को आता देख दुर्दांत नक्सलियों की रूह काँप जाती है। सीआरपीएफ ने विगत 5 साल में नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में 400 से अधिक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस स्थापित किए हैं। इसी कारण 10 साल में नक्सली हिंसा में 70 प्रतिशत से अधिक कमी आई है।
CRPF Day : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने सीआरपीएफ के 2264 कर्मियों द्वारा देश की सुरक्षा के लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए उन्हें कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि दी। जब भी देश की आजादी की शताब्दी का स्वर्ण ग्रंथ लिखा जाएगा, उस वक्त सबसे पहले देश के अमर शहीदों की वीरता की गाथा स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाएगी। 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दूसरी बार सरकार बनने के बाद यह निर्णय लिया गया था कि सभी सुरक्षाबलों का स्थापना दिवस देश के अलग अलग हिस्सों में मनाया जाएगा। उसी निर्णय के तहत सीआरपीएफ की यह वार्षिक परेड नीमच में आयोजित की गई है।
CRPF Day : सीआरपीएफ का योगदान देश की सुरक्षा से अलग हटकर देखा ही नहीं जा सकता। गृह मंत्री ने कहा कि चाहे कश्मीर में आतंकवादियों से जूझना हो, पूर्वोत्तर में शांति के लिए तैनात रहना हो या फिर दुर्दांत नक्सलियों को 4 ज़िलों तक सीमित करना हो, हमारे सीआरपीएफ के जवानों का इन सबमें बहुत बड़ा योगदान रहा है। 2001 में हमारे लोकतंत्र के प्रतीक देश के संसद भवन पर हमला हुआ और सीआरपीएफ ने उसे भी नाकाम किया। इसी प्रकार, 2005 में श्रीरामजन्मभूमि पर आतंकी हमला हुआ और उसे भी निरस्त करने का काम सीआरपीएफ ने किया। मंदिर को सुरक्षित बनाए रखा। पशुपतिनाथ से तिरुपति तक लाल आतंक फैलाने का सपना देखने वाले नक्सली आज 4 जिलों तक सीमित हैं। इसमें सबसे बड़ा योगदान सीआरपीएफ का है। सीआरपीएफ की सबसे बड़ी भूमिका और योगदान देश को नक्सलवाद से मुक्त करने में रहेगा।
CRPF Day : कोबरा बटालियन के नेतृत्व में सीआरपीएफ के अन्य जवानों ने नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में बहुत बड़ा योगदान दिया है। गृह मंत्री ने कहा कि 31 मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा और इस लक्ष्य को सीआरपीएफ के ही दम पर तय किया गया है। धारा 370 हटाने के बाद कश्मीर में शांति बनाए रखनी हो या हर चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराना हो, हर जगह सीआरपीएफ के जवानों ने सच्चे मन से अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है। धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में विधानसभा के चुनाव हुए और उस वक्त लोगों को कई प्रकार की आशंकाएं थीं, लेकिन हमारे सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षाबलों ने सुरक्षा सुनिश्चित की। न तो एक भी बूथ के लूटे जाने की खबर आई और न ही एक भी गोली कहीं चलानी पड़ी। सीआरपीएफ ने 5 साल में नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में जो 400 से अधिक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस स्थापित किए हैं, उसी कारण 10 साल में नक्सली हिंसा में 70 प्रतिशत से अधिक कमी आई है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के साथ श्रीलंका, हैती, कोसोवो और लाइबेरिया सहित कई जगहों पर सीआरपीएफ के जवानों ने संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत शांति स्थापित करने का काम किया है। अब तक सीआरपीएफ ने कुल 2708 विभिन्न पदक प्राप्त किए हैं जो सभी सीएपीएफ में सबसे अधिक हैं। स्वच्छ भारत, हर घर तिरंगा, एक भारत श्रेष्ठ भारत, स्वच्छता ही सेवा, एक पेड़ मां के नाम जैसे कई अभियानों को सीआरपीएफ ने बहुत अच्छे तरीके से ज़मीन पर उतार कर यह भी सिद्ध किया है कि देश और समाज के लिए काम करने के लिए भी सीआरपीएफ हमेशा सजग है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने सभी सीएपीएफ के जवानों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। देश के 7 दुर्गम क्षेत्रों में एयर कूरियर सेवा शुरू की गई है। हाल ही में भारत सरकार ने वेतन और भत्तों में निरंतर सुधार के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन का भी निर्णय लिया है। 42 लाख से अधिक आयुष्मान सीएपीएफ कार्ड दिए गए हैं जिसके तहत आज हज़ारों अस्पताल सीएपीएफ कर्मियों और उनके परिजनों के लिए उपलब्ध हैं। आवास योजना के तहत हाउसिंग सैटिस्फैक्शन रैश्यो लगभग साढ़े 9 प्रतिशत बढ़ा है। सीएपीएफ ई-आवास वेब पोर्टल शुरू कर साढ़े 6 लाख सीएपीएफ कर्मियों को खाली आवास देने का प्रयास किया गया है। एक लाख से अधिक आवास आवंटित भी कर दिए हैं। अब इन बलों में महिलाओं की भी भर्ती हो रही है और इनके लिए 124 बैरकों की मंज़ूरी दी गई है। 109 बैरक बन चुके हैं और 450 और बैरक बनाने का निर्णय गृह मंत्रालय ने किया है।