ITBP GENDER CHANGE CASE : ITBP ने कर्मचारी की लिंग परिवर्त्तन याचिका को ठुकराया!

ITBP GENDER CHANGE CASE :: ITBP ने मेडिकल विंग के ‘ बुरे प्रभाव’ वाली राय का हवाला देते हुए कर्मचारी की लिंग परिवर्त्तन याचिका को ठुकरा दिया।

ITBP GENDER CHANGE CASE : चूंकि लिंग परिवर्त्तन पर कोई नीतिगत निर्देश नही था, इसलिए बल को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों(CAPF) के चिकित्सा निदेशालय से राय लेने और उसके बाद नीतिगत निर्णय लेने का निर्देश दिया गया। ITBP ने हवाला दिया है की लिंग परिवर्त्तन से कर्मियों के मनोविज्ञाऩ पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

ITBP GENDER CHANGE CASE : क्या है मामला ?

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने एक महिला कर्मचारी के लिंग परिवर्त्तन प्रक्रिया से गुजरने के अनुरोध को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की चिकित्सा शाखा की राय है कि इससे  ” इससे बल कर्मियों के मनोविज्ञाऩ और व्यवहार पर बुरा प्रभाव पड़. सकता है।”

इससे, पहले महिला कर्मचारी के अनुरोध के बाद ITBP नं गृह मंत्रालय से मार्गदर्शन मांगा था, क्योंकि ITBP अधिनियम में लिंग परिवर्त्तन के संबंध में कोई दिशा-निर्देश नही है।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) के साथ मामले की समीक्षा करने के बाद गृह मंत्रालय ने ITBP को CAPF के चिकित्सा निदेशालय से राय लेने और उसके बाद नीतिगत निर्णय लेने की सलाह दी।

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CAPF के चिकित्सा प्रतिष्ठान ने ITBP को सलाह दी की लिंग परिवर्त्तन की अनुमति देने से कर्मियों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और व्यवहार पैटर्न पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि पुरुष और महिला भर्तियों के बीच शारीरिक आवश्यकताएं अलग-अलग होती है, जो संक्रमण के बाद समस्याग्रस्त होंगी।

ITBP GENDER CHANGE CASE

CAPF ने ITBP को पत्र लिखकर कहा कि ” आम राय यह है कि बल मे लिंग परिवर्त्तन की अनुमति नही दी जा सकती क्योंकि इससे बल कर्मियों के मनोविज्ञाऩ और व्यवहार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।” चिकित्सा शाखा ने कहा, ” इसके अलावा, बल में भर्त्ती के लिए पुरूषों और महिलाओं के लिए आवश्यक शारीरिक मापदंड अलग-अलग है। इसलिए, लिंग परिवर्त्तन के बाद ये मापदंड पूरे नही होंगे।

सामान्य श्रेणी के तहत अर्धसैनिक बल में जनरल डियूटी (कांस्टेबल) के रुप में पात्रता के लिए, पुरुष उम्मीदवार की लंबाई कम से कम 170 सेमी होनी चाहिए, जबकि महिला की लंबाई कम से कम 157 सेमी होनी चाहिए। शारीरिक परीक्षण के लिए पैरामीटर भी अलग-अलग है। पुरुष उम्मीदवार को 24 मिनट में कम से कम 5 किलोमीटर की दूरी पूरी करनी चाहिए, जबकि महिलाओं के लिए यह 8.5 मिनट में 1.6 किलोमीटर है।

CAPF के एडीजी (मेडिकल) केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और असम राइफल्स में स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणालियों और सेवाओं पर नीतियों और मानक संचालन प्रक्रियाएं तैयार करने में सहायता करने वाले सर्वोच्च रैंकिंग अधिकारी हैं।

इन निष्कर्षों के आधार पर, ITBP ने सभी फील्ड इकाइयों को भविष्य में लिंग परिवर्त्तन अनुरोधों को तदनुसार संभालने के लिए सूचित किया है। और निर्देश दिया है की वे लिंग परिवर्त्तन प्रक्रिया से गुजरने से अनुमति मांगने वाले जवानों की याचिकाओं पर विचार न करें। इसके लिए उन्होंने CAPF की मेडिकल शाखा का हवाला दिया है, जिसका मानना है की इससे जवानों के मनोविज्ञान पर ” बुरा प्रभाव ” पड़ सकता है।  सुरक्षा अधिकारी स्वीकार करते है की इन मामलों पर अतिरिक्त विचार की आवश्यकता है, यह देखते हुए की ITBP जैसे CAPF वर्त्तमान में ऐसी स्थितियों से निपटऩे के लिए सुसज्जित नहीं है।

मौजूदा भर्त्ती मानदंड पुरुष और महिला कार्मिकों के लिए अलग-अलग शारीरिक और मानसिक आवश्यकताओं को निर्दिष्ट करते हैं, जो वर्त्तमान परिचालन आवश्यकताओं और चुनौतियों को पूरा करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।

CAPF के एक वरिष्ठ अधिकारी वे कहा कि भर्त्ती के बाद शारीरिक बदलाव की अनुमति देने के लिए व्यापक नीति विकास और गहन चर्चा की आवश्यकता होगी।

इससे, पहले सीआईएसएफ(CISF) ने लिंग परिवर्त्तन सर्जरी के बाद महिला कर्मियों को पुरुष जवान के रुप में मान्यता देने की मंजूरी दी थी।

SOURCE – THE TIMES OF INDIA

 

 

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